बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख़ हसीना का प्रत्यर्पण बिलकुल भी नहीं किया जाने वाला. इंडिया गवर्नमेंट की तरफ से बांग्लादेश गवर्नमेंट को अप्रत्यक्ष संदेश में इस मामले पर अपना पक्ष साफ कर दिया गया है. इंडिया गवर्नमेंट शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द होने के वाबजूद उनके वीजा को और भी ज्यादा बढ़ाया जा रहा है. गृह मंत्रालय ने शेख हसीना ने इंडिया में रहने के लिए उनके वीजा की टाइम लाइन को बढ़ाने का फैसला भी कर लिया है.
शेख हसीना ने 5 अगस्त के दिन ही ढाका से आ गयी थी. इंडिया की तरफ से उनके वीजा को उस वक़्त बढ़ा दिया गया, जब उनके बांग्लादेश में प्रत्यर्पण करने की बातें कई गुना बढ़ गई थी. बांग्लादेश की गवर्नमेंट ने कुछ ही समय पहले इंडिया से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की अपील भी की है. ऐसे में इंडिया की ओर से लिया गया ये निर्णय बहुत ही खास और बहुत ही महत्वपूर्ण कहा जा रहा है. मोहम्मद युनूस की गवर्नमेंट ने पूर्व पीएम शेख हसीना के पासपोर्ट को रद्द करके उनके विरुद्ध गिरफ्तारी के लिए भी वारंट निकाल दिया गया है.
भारत की ओर से बांग्लादेश को मिला ऐसा उत्तर: खबरों का कहना है कि प्रत्यर्पण की मांग के समय शेख हसीना के वीजा को बढ़ाकर इंडिया ने बांग्लादेश की गवर्नमेंट को करारा उत्तर दे डाला है और ये भी साफ़ तौर पर बोल दिया है कि फिलहाल के लिए उनका प्रत्यर्पण भी नहीं किया जाने वाला है. बांग्लादेश की गवर्नमेंट ने दिसंबर के माह में इंडिया को एक नोट भेजकर उनके बांग्लादेश में प्रत्यर्पण को लेकर कई तरह की अपील भी की है. इंडिया के इस निर्णय के पश्चात बांग्लादेश की तरफ से इस केस में क्या कदम रहने वाला है, इस पर भारत की निगाह भी है.
शेख हसीना के वीजा के बढ़ाए जाने के पश्चात फिलहाल वो इंडिया की राजधानी दिल्ली में ही रहने वाली है. शेख हसीना के बांग्लादेश से वापस आने के पश्चात मोहम्मद युनूस की वहां पर अंतरिम गवर्नमेंट भी चल रही है. 77 वर्ष की आयु में शेख हसीना को वहां बांग्लादेश में लंबे वक़्त से चल रहे देशव्यापी विरोध की वजह से वहां से भागकर भारत आना पड़ गया है.