भारत में इस समय कोरोना (Corona) का कहर कम हो गया है हालाँकि खबरें यह भी है कि मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। जी दरअसल कोरोना के नए-नए वेरिएंट के आने से चिंता बढ़ गई है। आपको बता दें कि इस समय चीन के शंघाई में कहर बरपा रहे कोरोना ने कई अन्य यूरोपीय और एशियाई देशों में भी मरीजों की संख्या बढ़ा दी है, ऐसे में भारत में चौथी लहर की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार लोगों से सावधानी बरतने, अपनी सुरक्षा के लिए कोरोना के नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं। जी हाँ और यही वजह है कि कोरोना की तीन लहरों में इम्यूनिटी बढ़ाने, शरीर को वायरस (Virus) के प्रति मजबूत बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपायों को अपना चुके लोग एक बार फिर इनका उपयोग कर रहे हैं लेकिन क्या अप्रैल की इस गर्मी में काढ़ा (Kadha in Summer) और अन्य आयुष और आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग लाभदायक होगा या नुकसानदायक होगा? इस बारे में जानना बहुत आवश्यक है।
जी दरअसल इस भीषण गर्मी में काढ़ा सहित अन्य आयुर्वेदिक उपायों (Ayurvedic Product ) को अपनाने को लेकर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट वैद्य एस राजगोपाल ने बात की। जी दरअसल राजगोपाल का कहना है कि 'भारत में कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कोरोना अब आएगा नहीं। कोरोना को लेकर अभी कोई भी दावा स्पष्ट रूप से नहीं किया जा सकता है। कई देशों में कोरोना के मामले डरा रहे हैं। हालांकि अपने देश में अभी राहत है। जहां तक इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा आदि आयुर्वेदिक या आयुष उत्पादों के उपयोग की बात है तो गर्मी में काढ़ा आदि का उपयोग करते वक्त सावधानी बरतनी होगी।'
इसी के साथ वैद्य राजगोपाल कहते हैं कि 'कोरोना (Corona) के समय में जैसे लोगों ने दिन में कई-कई बार काढ़ा (Kadha) लिया था, आयुष की अन्य दवाएं ली थीं। आयुष 64 (Ayush-64) गोलियां ली थीं। अब अगर किसी व्यक्ति को बुखार (Fever) है या कोरोना के लक्षण (Covid Symptoms) हैं तभी आयुष 64 की गोलियां लें। इसके अलावा आयुष काढ़ा लेते समय भी ध्यान रखना होगा। इस मौसम में गर्म चीज जिसमें मसाला या काली मिर्च आदि का इस्तेमाल हुआ है, को इस्तेमाल करने में ध्यान रखना है। इसके लिए लोगों को इन उत्पादों में थोड़ा बदलाव करना होगा ताकि ये शरीर में अनावश्यक गर्मी न पैदा कर दें।'
कैसे बनाएं काढ़ा और कितनी मात्रा में लें- अगर लोग आयुष का काढ़ा ले रहे हैं तो सबसे पहले काढ़े को हल्का बनाएं। इसका मतलब है कि इसमें पानी ज्यादा रखें और काढ़े का पाउडर कम मात्रा में मिलाएं। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा इसमें मुनक्का भी डाल लें जो कि ठंडा होता है। चूंकि गुड़ भी गर्म होता है तो वह न डालें। ध्यान रखे गर्म चीज में शहद नहीं डाला जाता है। इस वजह से काढ़े को मुनक्का डालकर पकाएं और फिर पीएं। इस दौरान काढ़े की मात्रा सीमित रखें। रोजाना 50 एमएल तक काढ़ा ले सकते हैं।
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