नई दिल्ली: भारत के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक और नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी, सर चंद्रशेखर वेंकट रमन यानी सीवी रमन की आज जयंती है। इनका जन्म आज ही के दिन, 1888 को हुआ था और देहांत 1970 में हुआ। इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर मैथ्स और फिजिक्स के लेक्चरर थे। यही कारण है रमन को साइंस में रुचि जागी। चंद्रशेखर वेंकट रमन की मां पार्वती अम्माल थीं। रमन ने यूनिवर्सिटी के इतिहास में सर्वाधिक अंक अर्जित किए और उन्होंने IAS की परीक्षा में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। 6 मई 1907 को कृष्णस्वामी अय्यर की सुपुत्री त्रिलोकसुंदरी से रमन की शादी हुई थी।
रमन ने साइंस के लिए अपनी गवर्मेंट सर्विस छोड़ दी। उन्हें 1917 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी में फिजिक्स का पहला पालित प्रोफेसर नियुक्त किया गया था। IACS में, रमन ने एक ग्राउंड ब्रेकिंग एक्सपेरिमेंट किया, जिसने आखिरकार उन्हें 28 फरवरी 1928 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार दिलाया। उन्होंने प्रकाश के प्रकीर्णन को देखकर प्रकाश की क्वांटम नेचर के एविडेंस को डिस्कवर किया, एक ऐसा इफेक्ट जिसे रमन इफेक्ट के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस National Science Day के तौर पर मनाया जाता है।
बता दें कि, रमन, विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले प्रथम एशियाई और गैर-श्वेत व्यक्ति थे। नोबेल पुरस्कार विजेता ऑप्टिकल थ्योरी के पीछे उनकी प्रेरणा के संबंध में पूछे जाने पर, रमन ने कहा कि वह 1921 में यूरोप जाने के दौरान "भूमध्य सागर के अद्भुत नीले रंग के ओपेलेसेंस" से प्रेरित थे।
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