नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के आसपास पहुंच गया है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। स्मॉग के कारण दिल्ली गैस चैंबर जैसी स्थिति में बदल गई है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के उपायों पर चर्चा करेगी। इससे पहले 14 नवंबर को कोर्ट ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए कहा था कि दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल होने से बचाना जरूरी है।
दिल्ली सरकार ने हालात काबू में करने के लिए GRAP-4 के तहत कड़े कदम उठाए हैं। आवश्यक सेवाओं से जुड़े CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों की राजधानी में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्की कॉमर्शियल गाड़ियों पर भी पाबंदी है। साथ ही, सार्वजनिक निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। प्रदूषण के कारण 10वीं और 12वीं के अलावा बाकी कक्षाओं की पढ़ाई ऑनलाइन कर दी गई है।
प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर साफ नजर आ रहा है। फेफड़ों की बीमारियां, आंखों में जलन और गले में दर्द की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे ज्यादा असर हो रहा है। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करें और खिड़कियां-दरवाजे बंद रखें। सुबह और रात को गुनगुना पानी पीने की भी सलाह दी गई है।
दिल्ली में स्मॉग और प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित किया है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और सरकार के प्रयासों पर अब सबकी नजरें टिकी हुई हैं। उम्मीद की जा रही है कि इन कदमों से दिल्ली की हवा में सुधार होगा और लोगों को इस संकट से राहत मिलेगी।
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