नई दिल्ली: मंगलवार, 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवां बजट पेश किया। उनके 1 घंटे 23 मिनट के भाषण ने वेतनभोगी वर्ग को कुछ राहत दी। नई कर व्यवस्था चुनने वालों के लिए 7.75 लाख रुपये तक की आय अब कर-मुक्त है, जिससे उन्हें 17.5 हजार रुपये का लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री ने बिहार के लिए 57.5 हजार करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के साथ ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष बुनियादी ढांचा विकास योजना की घोषणा की।
बजट से मध्यम वर्ग और आयकरदाताओं को काफी राहत मिली। करदाताओं के लिए मानक कटौती की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दी गई। यानी अगर किसी नौकरीपेशा की आमदनी 7.75 लाख भी जाती है, तो 75 हज़ार की मानक कटौती के कारण उन्हें टैक्स नहीं भरना होगा। नए टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए गए। बजट में सीतारमण ने पुरानी कर व्यवस्था में बुनियादी छूट की सीमा नहीं बढ़ाई और न ही टैक्स की दर में कोई बदलाव किया। इसलिए पुरानी कर व्यवस्था चुनने वालों को बढ़ी हुई मानक कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। यह लाभ केवल नए टैक्स स्लैब को चुनने वालों को मिलेगा। नौकरीपेशा लोगों को आयकर में राहत की उम्मीद थी और वित्त मंत्री ने उनकी उम्मीदों को पूरा किया। नए टैक्स स्लैब में बदलाव करके करदाता कम से कम 17,500 रुपये बचा सकते हैं।
टैक्स प्रणाली को समझिए:
नई कर प्रणाली में 3 से 7 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत और 7 से 10 लाख रुपये के बीच वेतन पर 10 प्रतिशत कर लागू होता है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 7 लाख रुपये है, तो उसकी कर देनदारी 35,000 रुपये है। हालांकि, आयकर अधिनियम की धारा 87A के तहत छूट के कारण उन्हें कोई कर नहीं देना होगा। धारा 87A के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कर योग्य आय 7 लाख रुपये है, तो उसे कर छूट मिलेगी।
सस्ती वस्तुएं:
कैंसर का इलाज: कैंसर के इलाज के लिए दवाओं और उपकरणों पर सीमा शुल्क घटाया गया, जिससे यह सस्ता हो गया।
आभूषण: सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया, जिससे आभूषण सस्ते हो गए।
इलेक्ट्रॉनिक्स: मोबाइल फोन, चार्जर, बिजली के तार, एक्स-रे मशीन और सोलर सेट पर कर घटाया गया।
अन्य वस्तुएँ: झींगा मछली, कपड़ा और चमड़े के उत्पादों की कीमतें कम की गईं।
महंगी वस्तुएँ:
दूरसंचार उपकरण: मूल सीमा शुल्क 10% से बढ़ाकर 15% किया गया।
प्लास्टिक उत्पाद: सीमा शुल्क में वृद्धि, जिससे प्लास्टिक उत्पादों की कीमतें बढ़ने का अनुमान हैं।
सोलर ग्लास: सोलर सेल/मॉड्यूल में इस्तेमाल होने वाले सोलर ग्लास पर कर बढ़ा दिया गया, जिससे सोलर सिस्टम और महंगे हो गए।
ये उपाय मध्यम वर्ग का समर्थन करने, स्वास्थ्य सेवा की सामर्थ्य में सुधार करने और बजट को संतुलित करने के लिए कुछ उत्पादों पर शुल्क समायोजित करते हुए बुनियादी ढाँचे के विकास को प्रोत्साहित करने पर सरकार के ध्यान को दर्शाते हैं।
15000 करोड़ से संवरेगी आंध्र की नई राजधानी, बजट में सरकार ने सिंचाई परियोजना में भी मदद का किया ऐलान
Budget: पूर्वोत्तर राज्यों में IPPB की 100 नई शाखाएं खोलेगी सरकार, जानिए इससे कैसे मिलेगा लाभ ?