समुद्री मोती बेहद कीमती और खूबसूरत होते हैं। इनका निर्माण समुद्र में पाए जाने वाले कुछ विशेष प्रकार के जीवों के शरीर में होता है। तो आइए, जानें कि यह अद्भुत प्रक्रिया कैसे होती है और कौन से जीव इसमें मुख्य भूमिका निभाते हैं।
मोती का निर्माण कैसे होता है?
मोती का निर्माण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो समुद्र में रहने वाले जीवों, खासकर शंख और सीप, के शरीर में होती है। जब किसी बाहरी कण, जैसे रेत या कोई परजीवी, इन जीवों के खोल में घुस जाता है, तो ये जीव खुद को सुरक्षित रखने के लिए उस कण को एक चमकदार परत से ढकने लगते हैं। यह परत कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती है और धीरे-धीरे कण के चारों ओर जमा होकर मोती का रूप ले लेती है। यह मोती धीरे-धीरे बढ़ता है और अंततः इसे बाहर निकाला जा सकता है।
शंख और सीप: मोती बनाने वाले खास जीव
समुद्री मोती मुख्यतः दो जीवों में पाए जाते हैं - शंख और सीप। शंख एक प्रकार का समुद्री जीव है, जिसका खोल बहुत सख्त होता है। शंख के अंदर बनने वाले मोती अक्सर गोल और चमकदार होते हैं। दूसरी ओर, सीप भी एक समुद्री जीव है, जिसमें मोती बनने की प्रक्रिया होती है। सीप के मोती शंख के मोतियों की तुलना में आकार में थोड़े छोटे होते हैं, लेकिन उनकी चमक बहुत अधिक होती है। यही कारण है कि सीप के मोती भी गहनों में काफी लोकप्रिय हैं।
मोती का महत्व और उपयोग
मोती अपने चमकदार रंग और खास बनावट के कारण बहुत कीमती माने जाते हैं। इनका उपयोग गहने बनाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। मोती से बने गहने न सिर्फ खूबसूरत दिखते हैं, बल्कि वे काफी दुर्लभ भी होते हैं, जो इन्हें खास बनाता है। इसके अलावा, मोती का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और पूजाओं में भी किया जाता है, क्योंकि इसे पवित्र और शुभ माना जाता है।
मोती: प्रकृति का अनमोल तोहफा
मोती प्राकृतिक रूप से बनते हैं और समुद्र से मिलते हैं, इसलिए इन्हें प्रकृति का अनमोल तोहफा माना जाता है। इनके निर्माण में समय और समुद्री जीवों की मेहनत लगती है। यही वजह है कि इनकी कीमत काफी ज्यादा होती है और लोग इन्हें बड़े सम्मान और गर्व से पहनते हैं।
क्या महाराष्ट्र में राज ठाकरे के बेटे का समर्थन करेगी भाजपा? सामने आया ये जवाब
अमिताभ बच्चन के जलसा में बोमन करना चाहते हैं ये काम, खुद किया खुलासा
अंग्रेजी चलेगी, लेकिन हिंदी स्वीकार नहीं..! DMK ने फिर भाषा को लेकर किया बवाल