धनतेरस के त्यौहार को लेकर आज हम आपको कुछ प्रमुख बातें करने जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत आप यह जानेंगे कि धनतेरस का त्यौहार किस तरह से मनाया जाता है और इस दिन किसकी पूजा की जाती है और क्या किया जाता है ?
धनतेरस के दिन घर की अच्छे से साफ़-सफाई कर लें. साथ ही घर में रंग-रोगन वगैरह भी आप करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. साफ-सफाई और रंग-रोगन वैज्ञानिक दृष्टि से काफी अहम माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे हमारा स्वास्थ उत्तम होगा और साफ़-सफाई वाले घर में ही माता लक्ष्मी का वास होता है. जिस तरह हम अपने शरीर और कपड़ों आदि की साफ़-सफाई करते हैं, जिससे कि हम बेहतर दिखते हैं और हमारे भीतर ऊर्जा बनी रहती है, ठीक उसी तरह घर में साफ-सफाई रहने से वातावरण शुद्ध होगा और त्यौहार को हम ख़ूबसूरत तरीके से मना पाएंगे.
धनतेरस के दिन घर को अच्छे से साफ किया जाता है और पूरे घर को सजाया जाता है. इसके लिए फूल मला का विशेष तौर से इस्तेमाल किया जाता है. संध्या के समय त्यौहार को लेकर चहल-पहल बढ़ जाती है. बाजारों में भारी मात्रा में भीड़ देखने को मिलती है. क्योंकि धनतेरस के दिन सोने, चांदी और पीतल आदि के बर्तन खरीदने की भी परंपरा है. संध्या के समय धन की देवी माता लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता धनवंतरी का पूजन होता है. इसके बाद दीप जलाए जाते हैं. कई स्थानों पर 5 दीपक जलते हैं. माता लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी, तुलसी जी, एक घर की चौखट पर और एक दीया कूड़ेदान के पास का होता है.
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