9 अगस्त को पूरी दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण इसे बड़े पैमाने पर मनाए जाने की कोई भी योजना नहीं है. इसे लेकर काफी सावधानी बरती जा रही है. न केवल विश्व आदिवासी दिवस बल्कि कोरोना के बाद से जितने भी बड़े त्यौहार आए है सभी त्यौहारों को लोगों ने बहुत ही शांतिपूर्वक मनाया है. इसमें थोड़ी भी लापरवाही हमे संकट में डाल सकती है, ऐसे में हर बार की तरह इस बार विश्व आदिवासी दिवस को भव्य तरीके से नहीं मनाया जाएगा.
प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. इस दौरान राज्य और अन्य राज्यों के भी बड़े लोग इस आयोजन में हिस्सा लेते हैं, हालांकि इस बार कोरोना ने इस पर लगाम लगा दी है. कोरोना को देखते हुए इस बार आयोजन तो होगा लेकिन तकनीक की इसमें अहम भूमिका होगी. यह कार्यक्रम वीडियो कान्फ्रेंसिंग के तहत आयोजित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ऑनलाइन माध्यम से जिलों में आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित करने वाले हैं.
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ की बात करें तो यहां विश्व आदिवासी दिवस ब्लॉक स्तर पर मनाया जाना है. इसे लेकर हाल ही में अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग ने एक बैठक ली है और इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि शासन की गाइड लाइन के मुताबिक़ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विश्व आदिवासी दिवस का जश्न मनाया जाएगा. बैठक में यह बताया गया कि कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए इस बार विश्व आदिवासी दिवस जिला स्तर पर न मनाकर ब्लॉक स्तर पर मनाया जाएगा. ये तो हो गई छत्तीसगढ़ की बात वहीं आपको बता दें कि पूरे देश और दुनिया में ही विश्व आदिवासी दिवस इसी तरीके से मनाया जाएगा. किसी भी तरह का कोई भव्य आयोजन इस दौरान नहीं किया जाएगा. सभी स्थानों पर यह दिवस सोशल डिस्टेंसिंग और सर्कार द्वारा जरी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए ही मनाया जाना है.
विश्व आदिवासी दिवस : 9 अगस्त को ही क्यों मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस ?
विश्व आदिवासी दिवस : पूरी दुनिया में है आदिवासियों की धूम, भारत में कितनी है आबादी ?