आकर्षक सुंदरतम वस्त्र, अलंकार और सौंदर्य प्रसाधनों से युक्त-सुसज्जित, चिरयौवना रम्भा के बारे में कहा जाता है कि उनकी साधना करने से साधक के शरीर के रोग, जर्जरता एवं बुढ़ापा समाप्त हो जाते हैं. आप सभी को बता दें कि आज रम्भा तीज है. ऐसे में रम्भा के मंत्र सिद्ध होने पर वह साधक के साथ छाया के तरह जीवन भर सुंदर और सौम्य रूप में रहती है तथा उसके सभी मनोरथों को पूर्ण करने में सहायक होती है. कहा जाता है यह जीवन की सर्वश्रेष्ठ साधना है और इसे देवताओं ने सिद्ध किया इसके साथ ही ऋषि मुनि, योगी, संन्यासी आदि ने भी सिद्ध किया इस सौम्य साधना को.
आप सभी को बता दें कि इस साधना से प्रेम और समर्पण के गुण व्यक्ति में स्वतः प्रस्फुरित होते हैं क्योंकि जीवन में यदि प्रेम नहीं होगा तो व्यक्ति तनावों में बीमारियों से ग्रस्त होकर समाप्त हो जाएगा. वहीं प्रेम को अभिव्यक्त करने का सौभाग्य और सशक्त माध्यम है रम्भा साधना. कहा जाता है रम्भा तीज के दिन व्रत रखना चाहिए और इस दिन उनके मन्त्रों का जाप करना चाहिए जो बहुत सफल माने जाते हैं. आइए जानते हैं उन मन्त्रों को.
रम्भा के 10 नाम मंत्र
|| ॐ दिव्यायै नमः ||
|| ॐ प्राणप्रियायै नमः ||
|| ॐ वागीश्वर्ये नमः ||
|| ॐ ऊर्जस्वलायै नमः ||
|| ॐ सौंदर्य प्रियायै नमः ||
|| ॐ यौवनप्रियायै नमः ||
|| ॐ ऐश्वर्यप्रदायै नमः ||
|| ॐ सौभाग्यदायै नमः ||
|| ॐ धनदायै रम्भायै नमः ||
|| ॐआरोग्य प्रदायै नमः ||
इसके बाद प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र से 11 माला प्रतिदिन जप करें |
मंत्र : - ॐ हृीं रं रम्भे ! आगच्छ आज्ञां पालय मनोवांछितं देहि ऐं ॐ नमः
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