दुर्गा सप्तशती में दिया गया सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ बेहद फलदायी माना जाता है। यह स्तोत्र श्रीरुद्रयामल के गौरी तंत्र में शिव पार्वती संवाद के नाम से उदधृत है. दुर्गा सप्तशती (Durga sapshati) का पाठ करना थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अधिक आसान भी है और ज्यादा असरदार भी है. मात्र कुंजिका स्तोत्र के पाठ से सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ का फल प्राप्त होता है. इसके मंत्र स्वतः सिद्ध किए हुए हैं.
इसलिए इन्हें अलग से सिद्ध करने की जरुरत नहीं है. यह अद्भुत स्तोत्र है, जिसका प्रभाव बेहद चमत्कारी है. इसके नियमित रूप से पाठ से देवी की कृपा होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है. नवरात्र में अगर इसका पाठ किया जाए तो और शुभ होगा. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ बहुत लाभकारी है. व्यक्ति को वाणी और मन की शक्ति मिलती है. पाठ करने वाले के भीतर असीम ऊर्जा का संचार होता है. व्यक्ति को खराब ग्रहों के प्रभाव से निजात मिलती है. जीवन में धन समृद्धि मिलती है. तंत्र-मंत्र की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होता है.
शाम के वक़्त या रात्रि में इसका पाठ करें तो अति उत्तम होगा. देवी के सामने एक दीपक जलाएं. इसके बाद लाल आसन पर बैठें. लाल वस्त्र धारण कर सकें तो और भी बेहतर होगा. इसके बाद देवी को प्रणाम करके संकल्प लें. फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ शुरू करें. कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने वाले साधक को पवित्रता का पालन करना भी अनिवार्य होता है.
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