वाशिंगटन: कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में विश्व के 211 देश आ चुके हैं. किन्तु कुछ देश ऐसे भी हैं जहां अब तक कोरोना संक्रमण का एक भी केस सामने नहीं आया है. इनमें से एक है तुर्कमेनिस्तान. विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय सरकार शायद सच्चाई छुपा रही है जिससे इस महामारी से निपटने की कोशिशों को झटका लग सकता है.
जिस समय दुनिया के ज्यादातर देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं, तुर्कमेनिस्तान में मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस (WHD) के अवसर पर साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है. इस मध्य एशियाई देश ने दावा किया है कि यहां अब तक कोरोना वायरस का एक भी केस सामने नही आया है. लेकिन क्या सेंशरशिप के लिए चर्चित सरकार की तरफ से दिए जा रहे आँकड़ों पर यकीन किया जा सकता है?
तुर्कमेन हेल्थकेयकर सिस्टम का अध्ययन करने वाले लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर मार्टिन मैक्की ने कहा है कि, ''तुर्केमेनिस्तान की तरफ से आधिकारिक रूप से स्वास्थ्य के जो आँकड़े जारी किए जा रहे हैं उन पर बिल्कुल यकीन नहीं किया जा सकता है.'' उन्होंने कहा कि, ''बीते दशक में तुर्केमेनिस्तान ने यह भी दावा किया था कि वहां एक भी मरीज़ एचआईवी/एड्स से संक्रमित नहीं है. यह आँकड़ा भी विश्वसनीय नहीं है.
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