प्रतिवर्ष पूरे दुनिया में 1 दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है, इस दिवस का खास उद्देश्य लोगों में एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरुक करना है। AIDS वर्तमान समय की सबसे गंभीर बीमारी है, हर दिन इस बीमारी से कई लाख लोग संक्रमित हो जाते है। वहीं पूरी दुनिया में रोजाना 900 से अधिक बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ जाते है। जिनमे से कई केस तो ऐसे भी होते है कि लोग मौत का शिकार हो जाते है।
कैसे हुई विश्व एड्स दिवस (World Aids Day) की शुरुआत?: विश्व एड्स दिवस सबसे पहले अगस्त 1987 में जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के व्यक्ति ने सेलिब्रेट किया था. जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर WHO में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे. जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने WHO के ग्लोबल program on aids के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने वर्ल्ड AIDS डे मनाने का सुझाव रखा. जोनाथन को विश्व एड्स दिवस मनाने का विचार अच्छा लगा और उन्होंने 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे सेलिब्रेट करने का फैसला किया. बता दें कि 8 सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवसों में विश्व एड्स दिवस शामिल है.
इन वजहों से होता है एड्स
-अनसेफ सेक्स (बिना कनडोम के) करने से.
-संक्रमित खून चढ़ाने से.
-HIV पॉजिटिव महिला के बच्चे में.
-एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने से.
-इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से.
एचआईवी के लक्षण? (HIV/AIDS Symptoms)
एचआईवी/एड्स होने पर निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं...
-बुखार
-पसीना आना
-ठंड लगना
-थकान
-भूख कम लगना
-वजन घटा
-उल्टी आना
-गले में खराश रहना
-दस्त होना
-खांसी होना
-सांस लेने में समस्या
-शरीर पर चकत्ते होना
-स्किन प्रॉब्लम
ये होगी वर्ल्ड एड्स डे की थीम- असमानताओं को समाप्त करें, एड्स का अंत करें..इसी थीम पर एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस सेलिब्रेट किया जाने वाला है।
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