हिन्दू धर्म के सभी अनुयाई हनुमान जी का पूजन करते है हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता है, भक्त अपनी परेशानी को दूर करने और दुखो का निवारण करने हेतु हनुमान जी के भक्त उन्हें चोला चढ़ाते है या जल अर्पण करते है। हनुमान जी के कुछ मंदिरो में मंगलवार के दिन जल अर्पण भी किया जाता है। आपने हमेशा यह भी सुना होगा की हनुमान जी का पूजन केवल पुरुष ही करते है। लेकिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखते हुए महिलाएं भी हनुमान जी की पूजा करके लाभ उठा सकती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है की महिलाओ को हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श करने से मना किया जाता है। इसके पीछे का कारण यह है की हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी है इसी कारण से महिलाओं को मूर्ति को छूने से मना किया जाता है। लेकिन महिलाएं मूर्ति को बिना छुए दूर से हे हनुमान जी का पूजन कर सकती है। महिलाओ को हनुमान जी के आगे सर नहीं झुकना चाहिए वो इसलिए हनुमान जी माता सीता को माँ मानते थे और सर झुका के प्रणाम करते थे और ऐसा मान जाता है की वह सभी महिलाओ को अपनी माँ मानते थे। इसी कारण से महिलाये कभी भी हनुमान जी के आगे सर नहीं झुकाती है।
हिन्दू देवी देवताओ को जल अर्पित किया जाता है। यह मान्यता बहुत पहले से चली आ रही है। पूजन से पहले जल अर्पण किया जाता है। जल चढ़ाने का मतलब भगवान को स्नान करने योग्य माना जाता है इसलिय इस बात का ध्यान रखे महिलाएं हनुमान जी को कभी जल अर्पण न करे। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि महिलाएं हनुमान जी की उपासना नहीं कर सकती हैं। असल में महिलाओं को मासिक धर्म होते हैं और अगर किसी महिला ने हनुमान जी का व्रत रखने का अनुष्ठान किया हो और बीच में उसे मासिक धर्म हो जाएं तो वह अनुष्ठान टूट जाता है। इसलिए महिलाओं को हनुमान जी का व्रत रखने के लिए मना किया जाता है।
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