अजवाइन जिसका वैज्ञानिक नाम ट्रेक्सस्पेर्मम कॉप्टिकम है, यह एक झाड़ीनुमा विसप कि घास या कैरम के बीज के रूप में भी जानी जाती है। हमारे देश भारत में यह एक औषधि और खाना पकाने के मसाले के रूप में उपयोग की जाती है, यह पेट के दर्द का निवारण करने के लिए भारतीय परिवारों के द्वारा एक सर्वाधिक लोकप्रिय उपयोग की जाने वाली औषधि है।
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इसके बीजों में फाइबर, कॉर्बोहाइड्रेट, टेनिन, ग्लाइकोसाइड, नमी, प्रोटीन, बसा, सैपोनिन, फस्फोरस, लोहा, और निकोटिनिक एसिड युक्त खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। यह पेट दर्द, अपच, ऐंठन, उल्टी दस्त, पेट में भारीपन जैसी विभिन्न स्वास्थ्य बीमारियों में घरेलू उपाय है।
अजवायन से होने वाले कुछ महत्वपूर्ण लाभ—
1.सर्दी में कारगर— ठंड के समय अजवायन के तले हुए बीज एक-दो ग्राम की मात्रा में 15-20 दिन लेने से सर्दी ठीक हो जाती है।
2.अम्लता के लिए— अजवायन एक हायपर एसिडिटी वक्ली औषधि है, अम्लता के रोगी इसे सुबह के समय या भोजन के बाद गुनगुने पानी और नमक के साथ उपयोग कर सकते हैं और 10-15 दिनों में ही अच्छे परिणाम मिलते है।
3. अस्थमा में कारगर— गर्म पानी के साथ अजवायन के सेवन ब्रोंकाइटिस अस्थमा से निजात मिलती है।
4. पेट के दर्द के लिए— अजवाइन और नमक गर्म पानी के साथ पीने पर पेट के दर्द एवं अपच से राहत मिलती है।
इन सब के अलावा भी गुर्दा सम्बंधी विकारों के लिए, मुँह की समस्यायों के लिए एवं एग्जीमा में भी अजवाइन का सेवन लाभ दायक है।
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अजवाइन से होने वाले दुष्प्रभाव— प्रतिदिन 10 ग्राम से अधिक अजवाइन का सेवन करने से अम्लता, जलन का एहसास एवं मुँह के छाले हो सकते है, इसके अलावा, पेट मे अल्सर, अतिरिक्त रक्तिस्त्राव के दौरान भी अजवाइन का सेवन नही करना चाहिए। मनुष्य के शरीर में होने वाले रोगों के लिए अजवाइन एक ऐसी औषधि का काम करती है जो अन्य दवाइयों की अपेक्षा ज्यादा सफल है और आम लोगों द्वारा इसका उपयोग नियमित रूप से किया जाता है।
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