नई दिल्ली. देश में जब भी दिसम्बर महीने का जिक्र होता है तो जो चीजे मन में आती है उनमे से एक है 10 दिसंबर की तारीख. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन को देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर में यूनिवर्सल ह्यूमन राइट्स डे यानी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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दरअसल सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने का आधिकारिक तौर पर फैसला किया था. संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले की मुख्य वजह दुनिया भर के लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था. लेकिन क्या आप जानते है कि इसके इतने सालों बाद भी आज देश के आधे से ज्यादा बुजुर्गों को यह भी नहीं पता कि उनके अधिकार क्या है या उनका हनन होने पर क्या करना चाहिए.
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दरअसल विश्व की एक प्रतिष्ठित रिसर्च एजेंसी ने दुनिया भर के कई देशों में ह्यूमन राइट्स को लेकर एक सर्वे कराया था. इस सर्वे के बाद इस एजेंसी ने भारत को लेकर भी एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में कई चौकाने वाले आकड़े सामने आये है. इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 तक देश के दस-बीस प्रतिशत नहीं बल्कि 86 प्रतिशत से ज्यादा लोग अपने मानवाधिकारों से बिलकुल अनजान है.
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