प्रकृति की खूबसूरत रचना माना जाता है इंसानों को, जिसमें सारे भाव होते हैं और एक दूसरे व्यक्ति के सुख और दुःख को समझ सकते हैं. एक इंसान ही दूसरे इंसान के भावो को समझ सकता है इसलिए इन्हें दुनिया की सबसे अच्छी रचना कहा जाता है. लेकिन बात करें मशीनों की तो उनमें ऐसे कोई भाव नहीं होते बल्कि वो बस उतना ही करती हैं जितना हम करवा लेते हैं. लेकिन ऐसी ही मशीन की हम बात करने जा रहे हैं जो अपने भावो को भी प्रकट कर सकती है.
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दरअसल, हम बात कर रहे हैं रोबोट्स की. आपने देखे ही होंगे रोबोट को जो सिर्फ वही करते हैं जितना हम उन्हें करवाते हैं. लेकिन देखा जाता है उनमे कोई इमोशन नहीं होते. लेकिन आज के जो रोबोट्स आ रहे हैं उनमे अब इमोशंस भी होंगे. रोबोट्स को कई तरह के नए अपडेट्स आ रहे हैं जिससे इंसानो के सारे काम जैसे रोबोट ही कर देंगे. कई कंपनी ने तो लोगों को निकाल कर रोबोट्स से काम कराया जा रहा है. इसी में एक नया शोध ये भी आया है कि रोबोट को अंधेरे में रखने पर वह अंधेरे से डर गया था. इसके साथ ही ग्राउंडब्रैकिंग रिसर्च और डुइसबर्ग-एस्सेन विश्वविद्यालय की एक टीम ने अपनी एक शोध में एक निष्कर्ष निकाला है. वो चाहते हैं मेचनोइड्स नाम के रोबोट के साथ वैसा ही व्यबहार करना चाहिए जैसे अन्य लोगों के साथ किया जाता है.
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इसके अलावा रोबोट के साथ दुर्व्यवहार करना भी गलत है. इसे साबित करने के लिए 89 वॉलटिंयर्स से नाओ नामक के एक humanoid से बातचीत करने को कहा और इस दौरान कुछ लोगों ने इस पर खेद जाताया और कुछ ने इस पर कोई सवाल ही नही पूछे.
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