गुरूवार की सुबह स्पेशल ट्रेन से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचे प्रवासी श्रमिकों ने थोक सब्जी एवं फल मंडी में फलों की लूटपाट की. श्रमिक लूटे फलों को इस तरह खाते देखे गए मानो कई दिनों के भूखे हों.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बिलासपुर स्टेशन के आउटर पर ट्रेन रोकी गई थी. आउटर से सटे ही फल और सब्जी की थोक मंडी है, जहां श्रमिकों ने धावा बोला. पहले तो व्यापारियों ने भी मानवता दिखाते हुए उन्हें कुछ नहीं कहा. हालांकि उन्हें संक्रमण का भी डर था. बाद में श्रमिकों की संख्या बढ़ने लगी तो व्यापारियों ने विरोध कर खदेड़ा. वही, ट्रेनों में भोजन और पानी को लेकर श्रमिकों ने अपनी व्यथा भी बताई. जांजगीर-चांपा के ग्राम मोहगांव निवासी मदन खरसन और देवकुमार साहू ने कहा कि झांसी में रेलवे द्वारा भोजन पानी दिया गया. इसके बाद कहीं नहीं मिला. 15 से 20 घंटे का सफर भूखे प्यासे करने की मजबूरी रही.
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इसके अलावा अन्य प्रदेशों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यही हाल है. लॉकडाउन और भीषण गर्मी के बीच किसी तरह से श्रमिक स्पेशल ट्रेन में जगह मिली यहां घंटों की यात्रा के बाद ट्रेन न पानी का इंतजाम न हीं भोजन की व्यवस्था है. बस इन्हीं सबसे परेशान यात्रियों ने उन्नाव रेलवे स्टेशन पर जमकर हंगामा कर दिया था. श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों ने स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की थी. सैकड़ों की संख्या में यात्रियों ने स्टेशन पर उत्पात मचाया था. साथ ही, गुस्साए यात्रियों ने ईंट-पत्थर चलकर स्टेशन मास्टर के कमरे के दरवाजे, शीशे तोड़ डाले थे. गुस्साई भीड़ देख रेलकर्मी जान बचाकर भागे, वहीं स्टेशन मास्टर को चोट आई है. स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी समेत भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. पता चला कि ट्रेन बेंगलुरू सिटी से डींग गोपालापुरम हाल्ट जा रही थी. बाद में स्टेशन प्रबंधन ने यात्रियों को शांत कराकर ट्रेन को रवाना किया गया.
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