देहरादून: वैसे तो उत्तराखंड के बहुत से बड़े बड़े पार्क अपने देखे ही होंगे लेकिन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का कहना ही अलग है वहां के वातावरण ने लोगों का मन मोह लिया है, तो वहीं लोगों की पहली पसंद भी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व होता है, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे जिसके बाद से आप भी सोच ने पड़ जाएंगे, दरअसल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के झिरना रेंज में बाघिन और रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग उदयपुरी बंदोबस्ती में तेंदुए के बच्चे का शव मिलने से शुक्रवार को खलबली मच गई. माना जा रहा है कि आपसी संघर्ष में घायल बाघिन की गले में गंभीर जख्म के चलते कुछ न खा पाने के कारण (भूख से) मौत हो गई. तेंदुए के बच्चे के भी आपसी संघर्ष में मारे जाने की आशंका है. पशु चिकित्सकों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद दोनों वन्यजीवों के शवों को नष्ट कर दिया गया.
झिरना रेंजर प्रशांत हिंदवान ने बताया कि गुरूवार को गश्त के दौरान वन कर्मियों को झिरना रेस्ट हाउस के ऊपर पहाड़ी पर एक घायल बाघिन दिखाई दी थी. वह भूखी लग रही थी तो उसके भोजन का इंतजाम किया गया लेकिन उसने कुछ खाया नहीं. शुक्रवार को बाघिन को रेस्क्यू किया जाना था. एसडीओ कुंदन सिंह खाती ने बताया कि शुक्रवार सुबह जब वन कर्मी गश्त पर गए तो उन्हें झिरना स्रोत कंपार्टमेंट नंबर 8 में बाघिन का शव नजर आया.
मिली जानकारी से पता चला है कि बाघिन के शव को रामनगर लाया गया. सीटीआर निदेशक राहुल ने बाघिन के शव का जायजा लिया. पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा और डॉ. आयुष उनियाल की टीम ने बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया. डॉ. शर्मा ने बताया कि आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत होने की आशंका है.गले में था घाव उसके गले में गंभीर घाव था. इसकी वजह से उसने करीब एक हफ्ते से कुछ खाया नहीं था. बाघिन की उम्र करीब 10 साल थी. मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा. मिली जानकारी के अनुसार रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग के उदयपुरी बंदोबस्ती गांव के पास पापड़ी आरक्षित वन क्षेत्र में एक तेंदुए के बच्चे का शव मिलने की सूचना पर डीएफओ शिशुपाल सिंह रावत वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि मादा शावक आठ महीने का है और उसके मुंह पर पंजों के निशान हैं. मौके पर भी आपसी संघर्ष के निशान मिले हैं, जिससे यह अनुमान लाया जा रहा है कि आपसी संघर्ष के दौरान उसकी मौत हुई है. पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा और डॉ. आयुष उनियाल ने पोस्टमार्टम कर शव को नष्ट कर दिया.
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