गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने पर न्यायाधीश ने दिया जोर, न्यायालय ने कहा मां के बराबर है गाय

गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने पर न्यायाधीश ने दिया जोर, न्यायालय ने कहा मां के बराबर है गाय
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हैदराबाद। एक ओर जहां गौ हत्या और बीफ को लेकर तरह तरह के विवाद हो रहे हैं वहीं गाय को लेकर हैदराबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इस मामले में न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी शिवा शंकर राव ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु बनाया जाना चाहिए। उसे यह दर्जा मिलना चाहिए। न्यायाधीश ने इस प्रकरण का निराकरण करते हुए आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के जानवरों का उपचार करने वाले चिकित्सकों से भी कहा कि यदि वे ऐसी गायें जो दूध दे सकती हैं उन्हें अस्वस्थ्य बताते हें तो फिर उन पर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि गाय मां और भगवान है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने की बात कही। उच्च न्यायालय ने पशु कारोबारी रामावत हनुमा की याचिका पर सुनवाई की। इस व्यक्ति ने निचली अदालत में अपील की थी मगर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया कि गायों को चराने हेतु वह गांव के पास कंचनपल्ली गांव गया था।

हालांकि उस पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वह गौवंश को गौहत्या के उद्देश्य से ले गया था। न्यायमूर्ति बी शिवा शंकर राव ने रामावत हनुमा की अपील को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति राव ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की बात करते हुए कहा कि मुस्लिमों को बकरीद के अवसर पर स्वस्थ्य गायों को मारकर उसका मांस खाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। न्यायाधीश ने अपने निर्णय के दौरान कहा कि गाय मां और भगवान के समान है।

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