हैदराबाद : कोरोना वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स की दिशा में निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (निम्स) का पहला कदम सफल हो गया है. आप जानते ही होंगे कि कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए हैदराबाद के भारत बॉयोटेक इंटरनेशनल द्वारा विकसित कोवैक्जिन बीते सोमवार को निम्स में दो वालेंटियरों को दी गई थी. वहीं बीते मंगलवार तक दोनों का स्वास्थ्य स्थिर होने पर उन्हें डॉक्टरों ने अस्पताल से भेज दिया था. वहीं निम्स के कोवैक्जिन क्लिनिकल ट्रायल्स के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर व सहायक प्रोफेसर डॉ. सी. प्रभाकर रेड्डी ने हाल ही में इस बारे में बात की.
उन्होंने कहा कि 14 दिन बाद फिर से दोनों वालेंटियरों के स्वास्थ्य की जांच होने वाली है. इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया कि अगले 14 दिनों तक हर दिन फोन और वीडियो कॉल के जरिए वालेंटियरों के स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे. इसी के साथ यह भी कहा है कि उन्हें फिर से अस्पताल लाकर उनके खून के सैंपल्स की जांच की जा सकती है. जी दरअसल उनका कहना है कि वैक्सीन में मौजूद (अनएक्टिवेटेड) वायरस की वजह से शरीर में एंटीबॉडिज किस स्तर तक बढ़ें हैं, क्या कोई दूसरी समस्या आई है, इसकी जांच हो सकती है. वहीं जब तक यह कन्फर्म नहीं हो जाता है कि सबकुछ ठीक है तब तक दूसरा नहीं दिया जाएगा.
वैसे हम आपको यह भी बता दें कि वैक्सीन लेने वाले वालेंटियरों में किसी प्रकार की एलर्जी या अन्य रोग नहीं पाया गया है. वहीं निम्स के क्लिनिकल और फार्माकॉलोजी विभाग के डॉक्टरों ने कोवैक्जिन टीका का ह्यूमन ट्रायल में पहली कोशिश सफल होने पर ख़ुशी जाहिर की है.
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