भारत में वैसे तो कई ऑटोमोबाइल कंपनिय़ां हैं। जो एक से बढ़ कर एक कार का निर्माण करती हैँ। और अब भारत को ऑटोमोबाइल कंपनियां एक्सपोर्ट हब के रूप में प्रयोग कर रही हैं। इससे भारत में कारें बनाकर बाहर निर्यात करने का चलन तेजी के बढ़ता जा रहा है। बता दे कि देश से सबसे अधिक कारें निर्यात करने वाली कंपनी में हुंडई का नाम सबसे पहले आता है।
आपको बता दे कि यहां की बनी कारें ढेर सारे विकासशील देशों में हाई डिमांड पर हैं। कुछ दिनों पहले ही रेनो ने होंडा कार्स व महिंद्रा को टक्कर देते हुए भारत के टॉप 10 कार निर्यातक के रूप में अपनी जगह बना ली है। भारत के कार एक्सपोर्ट हब बनने के पीछे की सबसे बड़ी वजह है यहां का सस्ता लेवर जिससे गाड़ी बनाना सस्ता हो जाता है। और अब एक्स्पोर्ट के मामले में मारुति सुजुकी इंडिया पिछड़ रही है। 2016-17 के दौरान मारुति का एक्सिपोर्ट वार्षिक आधार पर -1 फीसदी रहा।
क्या है आकड़े-
यदि हम आंकड़ों की पर गौर करे तो हुंडई मोटर ने 2016-17 में 167120 कारों का निर्यात किया। फोर्ड दूसरे स्थान पर रहते हुए 158469, तीसरे स्थान पर मारुति ने 122,039, चौथे स्थान पर निसान ने 111612, पांचवें स्थान पर फोक्सवैगन ने 86852, जीएम छठे स्थान पर है और इसी दौरान 70969, टोयोटा ने 12,748, रेनो ने 10641, महिंद्रा ने 10173, होंडा कार्स को 10वां स्थाेन प्राप्त किया है कंपनी ने इस दौरान 5824 कारों को ही निर्यात किया हैं।
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