लखनऊ: पुलिस गिरफ्त में अतीक अहमद एवं अशरफ का कत्ल करने वाले अपराधियों से पुलिस ने पूछताछ आरम्भ कर दी है। तीनों हत्यारोपियों से राज उगलवाने के लिए पुलिस ने मनोवैज्ञानिक ढंग से आरभिंक 8 घंटों में पूछताछ की। तीनों हत्यारोपियों (लवलेश, सनी एवं अरुण) से अलग-अलग उनकी जिंदगी, परिवार, आदत शौक के बारे में खबर इकट्ठा की गई। पूछताछ के चलते लवलेश तिवारी ने स्वयं को कट्टर हिंदूवादी एवं परशुराम का वंशज बताया। लवलेश सोशल मीडिया के माध्यम से स्वयं को फेमस करने के प्रयास में भी लगा था। तीनों हत्यारोंपियो में सनी सिंह अधिक अपराधिक प्रवृत्ति और महत्वकांक्षी दिखाई दिया। तीनों अपराधी पहली रात अपनी ही थ्योरी पर टिके रहे।
लवलेश तिवारी, सनी सिंह एवं अरुण, माफिया अतीक अहमद को मारकर पैसा और नाम कमाने की बात दोहराते रहे। शूटर सनी सिंह ने दोहराया कि मेरा कोई आका नहीं, मैं स्वयं एक डॉन हूं। अरुण ने कबूला कि पानीपत के एक दोस्त ने असलहा दिया था। पुलिस ने अरुण मौर्य से पूछा जीगाना जैसे खतरनाक एवं कीमती पिस्टल किस दोस्त ने दी? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए अरुण ने कहा कि मैं नहीं जानता था कि यह इतनी कीमती पिस्टल है, मैं तो इसे अच्छा असलहा भर समझ रहा था, जिससे कोई बचेगा नहीं। वहीं, सनी सिंह ने पूछताछ के चलते सुंदर भाटी से संपर्क को कुबूला है। वह हमीरपुर जेल में बंद रहने के चलते सुंदर भाटी के संपर्क में आया था, मगर जेल बदलने के बाद फिर कभी संपर्क नहीं हुआ। अतीक एवं उसके भाई अशरफ का शनिवार रात प्रयागराज में गोलियों से भूनकर क़त्ल कर दिया गया। वारदात को पुलिस कस्टडी में अरुण मौर्या, सनी एवं लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया था। तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के समीप पहुंचे एवं जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से चर्चा करना आरम्भ की, तीनों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी।
वही इसके चलते लगभग 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के पश्चात् तीनों अपराधियों ने तुरंत ही आत्मसमर्पण कर दिया था। अतीक हत्याकांड में सम्मिलित सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज एवं लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है। लवलेश तिवारी बांदा के क्योतरा का रहने वाला है। लवलेश के खिलाफ चार पुलिस केस हैं। वह लड़की को थप्पड़ मारने के इल्जाम में जेल जा चुका है। सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है। वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है। उसके खिलाफ लगभग 15 मामले दर्ज हैं।
काशी और महाकाल कॉरिडोर के बाद अब बनेगा माँ कामाख्या कॉरिडोर, पीएम मोदी ने शेयर किया Video
बंगाल में गुपचुप जलाए जा रहे थे सरकारी दस्तावेज़, कहीं कोई घोटाला छिपाने की साजिश तो नहीं ?
दिल्ली-NCR में चिलचिलाती धुप से मिलेगी राहत, इन राज्यों में अगले 3 दिनों तक होगी बारिश