हजारीबाग: झारखंड की हजारीबाग सीट से निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा को भाजपा ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. पार्टी की तरफ से जारी नोटिस में बताया गया था कि हजारीबाग सीट से मनीष जायसवाल को प्रत्याशी घोषित किए जाने के पश्चात् से आप न तो चुनाव प्रचार तथा ना ही संगठन के काम में रुचि ले रहे हैं. आपने अपने मताधिकार का भी इस्तेमाल नहीं किया. भारतीय जनता पार्टी ने जयंत को 2 दिन के अंदर इस नोटिस का जवाब देने के लिए कहा था. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने इस नोटिस का जवाब दिया है.
झारखंड भाजपा के महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को संबोधित 2 पन्नों के अपने जवाब में जयंत सिन्हा ने नोटिस प्राप्त होने पर हैरानी और इसे मीडिया में जारी किए जाने पर हैरानी व्यक्त की. उन्होंने 2 मार्च को जेपी नड्डा के साथ हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव से बहुत पहले ही सक्रिय चुनावी दायित्वों से दूर रहने का फैसला लिया था जिससे जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. जयंत ने ये भी कहा है कि अपने इस फैसले का सार्वजनिक ऐलान एक द्वीट के जरिए कर भी दिया था. जयंत ने जेपी नड्डा से बातचीत के पश्चात् किए गए ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा कि इस घोषणा के बाद कई लोग मुझसे मिलने दिल्ली आए एवं आग्रह किया कि अपने फैसले पर विचार कर उसे वापस लूं. उन्होंने कहा है कि यह एक मुश्किल वक़्त था जिसमें जनभावनाएं उफान पर थीं मगर राजनीतिक मर्यादा एवं संयम बनाए रखा. जयंत ने मनीष जायसवाल को हजारीबाग से प्रत्याशी घोषित किए जाने के पश्चात् 8 मार्च को उन्हें बधाई देने का उल्लेख करते हुए कहा है कि यह पार्टी के फैसले के प्रति मेरे समर्थन का सूचक है.
उन्होंने कारण बताओ नोटिस के जवाब में आगे कहा है कि यदि पार्टी चाहती थी कि चुनावी गतिविधियों में भाग लूं तो आप मुझसे संपर्क कर सकते थे. 2 मार्च 2024 को मेरी घोषणा के पश्चात् झारखंड के किसी भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी या सांसद या विधायक ने मुझसे संपर्क नहीं किया. जयंत ने ये भी कहा है कि पार्टी के किसी भी कार्यक्रम, रैली या संगठन की बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी मुझे कार्यक्रमों में सम्मिलित करना चाहते थे तो वे आमंत्रित कर सकते थे किन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया. जयंत ने अपने जवाब में आगे लिखा है कि मनीष जायसवाल ने 29 अप्रैल की शाम को अपने नॉमिनेशन में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया. तब दिल्ली में था. देर सूचना प्राप्त होने की वजह से मेरे लिए 1 मई की सुबह तक हज़ारीबाग पहुंचना संभव नहीं था. उन्होंने ये भी बताया है कि 2 मई को हज़ारीबाग पहुंचकर सीधा मनीष जायसवाल से मिलने उनके आवास पहुंचा. वह (मनीष) वहां नहीं थे इसलिए अपना संदेश एवं शुभकामनाएं उनके परिवार को दीं और फिर मनीष से मेरा कोई संपर्क नहीं हुआ. 3 मई को हज़ारीबाग से दिल्ली लौट आया.
उन्होंने ये भी कहा है कि लोकसभा स्पीकर को जानकारी देकर निजी प्रतिबद्धताओं के लिए 10 मई को विदेश चला आया. पार्टी मुझे किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुला रही थी तत्पश्चात, मुझे वहां रुकने की खास जरूरत महसूस नहीं हुई. वोट नहीं देने के आरोप पर जयंत ने कहा है कि विदेश जाने से पहले पोस्टल बैलेट से वोट कर दिया था इसलिए यह आरोप लगाना गलत है कि मतदान के कर्तव्य का पालन नहीं किया. उन्होंने पार्टी के साथ 25 वर्ष के सफर, अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा है कि हर जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाया है. इन सबको देखते हुए आपका ये पत्र सार्वजनिक रूप से जारी करना अनुचित है. जयंत ने इसे समर्पित कार्यकर्ताओं को निराश एवं पार्टी के सामूहिक कोशिशों को कमजोर करने वाला बताया है. उन्होंने ये भी कहा है कि पार्टी के प्रति निष्ठा एवं मुश्किल परिश्रम के बाद भीअन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. चुनाव के चलते पार्टी पदाधिकारी होने के नाते आप मुझसे कभी भी संपर्क कर सकते थे किन्तु चुनाव संपन्न होने के बाद आपका इस प्रकार का पत्र भेजना मेरे लिए समझ से परे है.
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