कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के सस्पेंड नेता पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) ने कहा है जब्त करोड़ों रुपयों को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय को जो रुपया जब्त हुआ है, वो उनका नहीं है। उन्होंने अपनी खराब तबियत का हवाला दिया।
पत्रकारों के सवाल पर जवाब देते हुए पार्थ चटर्जी ने कहा, 'ये उनका रुपया नहीं है। मेरी तबियत खराब है। इन पैसों के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है।' ESI हॉस्पिटल में चेकअप के लिए जब पार्थ चटर्जी को लाया गया तो रिपोर्टर्स के सवाल के जवाब में पार्थ चटर्जी ने कहा कि उनके खिलाफ किसने साजिश की, वक़्त आने पर सब पता चलेगा। उन्होंने अपने अस्वस्थता के बारे में भी बताया एवं अंतिम प्रश्न में जब उनसे पैसे के बारे में पूछा गया तो पार्थ चटर्जी ने बताया कि रुपया उनका नहीं है।
वही इससे पहले पार्थ ने पूछताछ के चलते बोला था कि पार्टी में शीर्ष नेतृत्व समेत सभी को स्कूल शिक्षक के तौर पर नौकरी दिलाने के लिए अपात्र उम्मीदवारों से एकत्र किए गए धन के बारे में पता था। एक जांचकर्ता के मुताबिक, पार्थ चटर्जी ने मंत्री पद गंवाने एवं पार्टी से निलंबित होने के बाद बोलना आरम्भ कर दिया है। एक अफसर ने कहा, 'उन्होंने दावा किया कि वह केवल संरक्षक थे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कभी कोई रुपया नहीं मांगा तथा न ही उम्मीदवारों से कोई कबूल किया। एक पार्टी डिक्टेट थी तथा वह आदेशों का पालन कर रहा था। उसे दूसरों द्वारा तैयार किए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना था। रुपया दूसरों द्वारा भी एकत्र किया गया था तथा उसे भेज दिया। उसे रूपये सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया था। बाद में 'पार्टी' के इस्तेमाल के लिए सैकड़ों करोड़ ले लिए गए थे। राशि का सिर्फ एक अंश बरामद किया गया है। यह उसने अब तक खुलासा किया है।'
'शरिया कानून थोपने की कोशिश की जा रही है', आखिर क्यों गिरिराज सिंह ने दिया ये बयान?
झारखंड के 3 कांग्रेस विधायकों पर बड़ी कार्यवाही, पार्टी ने किया बर्खास्त
'2 से 15 अगस्त तक तिरंगे को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाएं', मन की बात में बोले PM मोदी