नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में बोला कि, वह अपने काम के प्रति बेहद सजग हैं तथा इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं करते हैं। क्या प्रधानमंत्री मोदी VS नितिन गडकरी जैसी चर्चाओं में कोई दम है, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं संघ का स्वयंसेवक हूं एवं कार्यकर्ता सिर्फ कार्यकर्ता होता है। मेरे मन में प्रधानमंत्री बनने के लिए कोई आकांक्षा नहीं है।
अपने एक इंटरव्यू के चलते केंद्रीय मंत्री से दिवंगत भारतीय जनता पार्टी नेता प्रमोद महाजन से टकराव एवं विरोध के बाबत सवाल किया। असल में ऐसा कई खबरों में पहले कहा गया है कि प्रमोद महाजन ने नितिन गडकरी से कहा था, कि वह उन्हें मंत्री नहीं बनने देंगे। इस सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि, 'प्रमोद महाजन का मुझसे कोई विरोध रहा होगा, ऐसा बोलना तो उनके साथ बहुत अन्याय होगा। पहला जो कैबिनेट बना, उसमें मैं नहीं था। कई सारे लोगों की अपेक्षाएं थीं कि मैं कैबिनेट में शामिल रहूंगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। दूसरे बार में मैं मंत्री बना तो उनकी अनुमति से ही बना। उनके नेतृत्व में मुझे काम करने का अवसर प्राप्त हुआ तथा उन्होंने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया। विरोध जैसा कुछ नहीं रहा।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, 'पत्रकारों में अलग-अलग तरह की चर्चाएं होती हैं। अलग-अलग तरह अनुमान निकालने का अधिकार भी होता है। मैं पार्टी का युवा मोर्चा का अध्यक्ष तब मुंडे जी हमारे पार्टी के अध्यक्ष बने, उनके नेकृत्व में मैंने काम किया। जनरल सेक्रेटरी बना, विपक्ष का नेता बना। मंत्री बना। मैं ये मानता हूं कि कुछ लोगों को लग रहा था कि मुझे पहले ही ये सब बनाना चाहिए था, इसलिए कुछ लोगों ने ये सब दुर्भाग्यवश लिखा। ऐसा कोई विरोध नहीं था। जब मैं अध्यक्ष बना तो मैंने दो ही लोगों के पैर छुए, मुंडे जी के और आडवाणी जी के, क्योंकि वे मुझसे सीनियर थे। उन्होंने ये नारायण राणे के लिए भी कहा कि, मैं केंद्रीय मंत्री हूं, मगर वो मेरे सीनियर रहे हैं तो मैं उन्हें नेता मानता हूं। '
क्या प्रधानमंत्री मोदी VS गडकरी ऐसी किसी टर्म का कोई अस्तित्व है, इसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि, 'मुझे दुख होता है कि कुछ लोग मीडिया में हम दोनों के बीच में झगड़ा लगे ऐसी बात लगाते रहते हैं। मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं संघ का स्वयंसेवक हूं। हमने पार्टी कार्यालय में लिखा है। नेशन फर्स्ट, फिर पार्टी एवं उसके बाद मैं। मैं इसी विचारधारा में भरोसा रखता हूं। आज प्रधानमंत्री मोदी हमारे नेता हैं, उनके नेतृत्व में देश चौतरफा विकास कर रहा है। न प्रधानमंत्री के लिए कोई सवाल, न कोई झगड़ा है, न कोई विवाद है, न हमने कोई क्लेम किया है। ये केवल खाली बैठे लोगों का ऐनालिसिस है। मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री बनता है। मंत्री, पूर्व मंत्री बनता है। विधायक, पूर्व विधायक बनता है, किन्तु कार्यकर्ता हमेशा कार्यकर्ता रहता है, वह कभी पूर्व नहीं रहता है। न मेरे मन में कोई सपना है कि प्रधानमंत्री बनूं, न ऐसी आकांक्षा है और न ऐसा कोई क्लेम किया है। मैं तो काम करना चाहता हूं, काम करता रहूंगा।'
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