नई दिल्ली: राहुल गांधी के लंदन दौरे के चलते सरकार, लोकतंत्र को लेकर बयान पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। राहुल गांधी के बयान की राजनीतिक तपिश का प्रभाव सोमवार को संसद के दोनों सदनों में भी दिखाई दिया। सत्ताधारी NDA की अगुवाई कर रही भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की तथा माफी मांगने की मांग की। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे की वजह से पहले दोपहर 2 बजे तक तथा फिर 14 मार्च को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दरअसल, हुआ ये कि सदन की कार्यवाही 2 बजे जब दोबारा आरम्भ हुई तब भी संसद के दोनों सदनों में राहुल गांधी के बयान को लेकर हंगामा जारी रहा। लोकसभा में आसन पर उपस्थित राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही आरम्भ करते हुए आज की कार्यवाही के लिए सूचीबद्ध मामले सदन पटल पर रखने के लिए कहा। सदन के पटल पर सूचीबद्ध मामले पेश किए जा रहे थे तथा इस के चलते भी भाजपा सांसद नारेबाजी करते रहे। जवाब में विपक्ष की तरफ से भी नारेबाजी आरम्भ हो गई। भाजपा सांसदों ने लोकसभा में राहुल गांधी माफी मांगो तथा पप्पू को सद्बुद्धि दे के नारे लगाए।
जवाब में विपक्ष ने भी मोदी अडानी भाई-भाई और वी वांट जेपीसी के नारे लगाए। नारेबाजी करते हुए सांसद वेल में आ गए। आसन की तरफ से बार-बार सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने एवं अपनी सीट पर जाने की अपील की गई मगर सांसद वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। तत्पश्चात, लोकसभा की कार्यवाही 14 मार्च को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही स्थगित किए जाने के कुछ ही वक़्त पश्चात् राज्यसभा की कार्यवाही भी हंगामे की वजह से स्थगित करनी पड़ी। वही इस दौरान एक तरफ से राहुल गांधी माफी मांगो तो दूसरी तरफ से मोदी-अडानी भाई-भाई के नारे लगते रहे। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों ही ओर के सांसदों से सदन चलने देने की अपील की मगर नारेबाजी कर रहे सांसदों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सत्ताधारी दल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अपने 45 वर्षों के राजनीतिक जीवन में ऐसा पहली बार देख रहा हूं जब सत्तापक्ष सदन नहीं चलने दे रहा है।
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