'महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगता हूं', आखिर ऐसा क्यों बोले अजित पवार?

'महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगता हूं', आखिर ऐसा क्यों बोले अजित पवार?
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सिंधुदुर्ग: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में 26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने की घटना को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले में मैं महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं, तथा उनकी प्रतिमा का एक वर्ष के भीतर इस प्रकार गिरना हम सभी के लिए एक गहरा सदमा है।

लातूर जिले में अजित पवार ने अपनी जन सम्मान यात्रा के दौरान एक सार्वजनिक सभा में कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों या ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष 4 दिसंबर को इस मूर्ति का अनावरण किया था, तथा इसके ठीक आठ महीने पश्चात्, 26 अगस्त को यह मूर्ति गिर गई। इस मामले में मूर्ति निर्माण के ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। FIR लोक निर्माण विभाग की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई, जिसमें दावा किया गया है कि प्रतिमा का निर्माण घटिया गुणवत्ता का था तथा संरचना में उपयोग किए गए नट और बोल्ट जंग खाए हुए पाए गए।

वही इससे पहले, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे एवं एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया कि महायुति सरकार के शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है। शरद पवार एवं महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार का यह दावा कि तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिर गई, "बेशर्मी की पराकाष्ठा" है।

1 सितंबर को महाविकास अघाड़ी (MVA) ने सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकालने की घोषणा की है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि प्रतिमा गिरने की घटना से महाराष्ट्र में असंतोष है और इस घटना के विरोध में एमवीए 1 सितंबर को हुतात्मा चौक से दक्षिण मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकालेगी। ठाकरे ने बताया कि शरद पवार समेत एमवीए के सभी घटक दलों—शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी), और कांग्रेस—के प्रमुख नेता इस विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित होंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने के खिलाफ मालवन में एमवीए के मोर्चे को रोकने का प्रयास करने वाले लोग शिवाजी महाराज के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को छत्रपति शिवाजी से कोई प्रेम नहीं है। ठाकरे ने राजकोट किले में शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं और भाजपा सांसद नारायण राणे के समर्थकों के बीच हुई झड़प का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि "इस ढहने से कुछ अच्छा निकलेगा।" इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसका मतलब है कि एक नई प्रतिमा बनाने के लिए नया टेंडर जारी किया जाएगा और फिर से घोटाला होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर स्वीकार कर लिया है कि अपराध हुआ है। ठाकरे ने यह भी कहा कि सरकार नौसेना पर दोष मढ़कर खुद को दोषमुक्त करने की कोशिश कर रही है, जबकि राज्य सरकार ने मंगलवार को कहा था कि प्रतिमा का निर्माण नौसेना ने किया था।

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