पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। PTI ने इमरान खान की गिरफ्तारी को वैध घोषित करने के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने की याचिका के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई।
वही इस याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय का आदेश संविधान के अनुच्छेद 10ए के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का फैसला विरोधाभासों से भरा है। सर्वोच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका में कहा गया है- NAB के चेयरमैन द्वारा जारी वारंट अवैध हैं। इमरान खान ने न्यायालय में दलील दी कि इस मामले से जु़ड़ी सामान्य पूछताछ कब जांच में बदल गई इसका NAB द्वारा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। सूत्रों के अनुसार, इमरान खान ने पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय को भी बताया कि उनकी जान को खतरा है। सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपनी याचिका में इमरान ने कोर्ट से की गई अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया है। उन्होंने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया है कि मामले की तत्काल सुनवाई आज ही की जाए।
वही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से भी इमरान खान को झटका लगा है। इमरान की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने आपत्ति जताई है। सर्वोच्च न्यायालय को याचिका की प्रमाणिकता पर आपत्ति है। सूत्रों के अनुसार, इमरान का कहना है कि उन्हें धीमा जहर दिया जा सकता है। साथ ही इमरान ने सर्वोच्च न्यायालय को यह भी बताया कि उनकी गिरफ्तारी के पश्चात् से उन्हें टॉयलेट भी नहीं जाने दिया गया। इमरान खान ने कहा, 'मैं 24 घंटे से वॉशरूम नहीं गया। मेरे डॉक्टर फैसल को बुलाया जाए। मुझे डर है कि वे मुझे 'मकसूद चपरासी' की भांति मार सकते हैं। इमरान खान ने कहा कि वे लोग ऐसा इंजेक्शन लगाते हैं, जिससे आहिस्ता-आहिस्ता एक व्यक्ति मर जाता है।
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