श्रीनगर: अनुभवी राजनेता गुलाम नबी आजाद ने आज सोमवार (19 फ़रवरी) को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला सार्वजनिक जांच से बचने के लिए रात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ गुप्त बैठकें करते हैं। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) प्रमुख ने मीडिया से बात करने के दौरान अब्दुल्ला के रुख में दोहरेपन का आरोप लगाते हुए कहा कि, "वो श्रीनगर में कुछ और, जम्मू में कुछ और और दिल्ली में कुछ और कहते हैं।"
आज़ाद ने दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) पार्टी का नेतृत्व करने वाले अब्दुल्ला ने 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन बनाने के लिए सोच-समझकर प्रयास किए थे। एक हालिया साक्षात्कार का हवाला देते हुए जिसमें फारूक अब्दुल्ला ने भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA में शामिल होने का संकेत दिया था, बाद में उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने इससे इनकार कर दिया। आज़ाद ने पिता-पुत्र की जोड़ी पर दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया।
आजाद ने कहा कि, "फारूक ने मीडिया को जो बताया वह जुबान की फिसलन नहीं थी। फारूक और उमर सरकार और विपक्ष दोनों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं।" पूर्व कांग्रेस नेता ने खुलासा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) दोनों जम्मू-कश्मीर में भाजपा के साथ सरकार बनाने की बेताब कोशिश कर रहे हैं। आज़ाद ने धारा 370 के विवादास्पद निरस्तीकरण से ठीक पहले 3 अगस्त, 2019 को अब्दुल्ला और पीएम मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक को भी प्रकाश में लाया। दिल्ली में अफवाहें फैल गईं कि फैसले के बारे में अब्दुल्ला को विश्वास में लिया गया था और यहां तक कि घाटी के नेताओं को घर में नजरबंद करने का भी सुझाव दिया गया था।
खुद को सबसे धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में पेश करते हुए आज़ाद ने कहा कि, "मैं अब्दुल्लाओं की तरह धोखाधड़ी नहीं करता। मैं अपने हिंदू भाइयों को बेवकूफ बनाने के लिए मंदिरों में नहीं जाता, और मैं कट्टरपंथी इस्लामवादियों को खुश करने के लिए अपने देश का दुरुपयोग नहीं करता।"
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