नई दिल्ली: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, भारत की प्रगति के पथ पर अपने अपरंपरागत विचार व्यक्त करने के बाद एक बार फिर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल, राजन ने एक बयान में भारत के महाशक्ति बनने की धारणा पर सवाल उठाया था, जिसके बाद उनके बयान को लेकर जनता के बीच एक गरमागरम बहस शुरू हो गई है।
Raghuram Rajan: "I don't care about India being a superpower, to me that's not the point. It's about what the father of the nation wanted."
— Cogito (@cogitoiam) June 18, 2023
Being a superpower means lesser poverty, healthier lives, longer life spans, less suffering for a Billion people but of course Rajan… pic.twitter.com/PxzFF9uBjI
रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दशक में देश के वित्त मंत्री या प्रधान मंत्री के रूप में उनकी संभावित भूमिका के बारे में सवाल किए जाने पर, रघुराम राजन ने भारत के महाशक्ति बनने के प्रति अपनी उदासीनता प्रकट की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका ध्यान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दृष्टिकोण के अनुरूप प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने पर है। रघुराम राजन ने कहा कि, 'मुझे भारत के महाशक्ति बनने की परवाह नहीं है, मेरे लिए यह मुद्दा नहीं है। राष्ट्रपिता क्या चाहते हैं, इसका मतलब है कि हर भारतीय को खुश करना।'
हालाँकि, रघुराम राजन के इस दृष्टिकोण की कई जगह से तीखी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स ने राजन के दृष्टिकोण को अतिवादी करार देते हुए उन पर लाखों भारतीयों के कल्याण की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। वहीं, कुछ यूज़र्स ने तर्क दिया कि महाशक्ति का दर्जा प्राप्त करने में गरीबी को कम करना, स्वास्थ्य सेवा में सुधार करना और आबादी के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि करना शामिल है, जो देश की प्रगति के लिए अहम है। आलोचकों ने भारत की नियति को आकार देने में अन्य नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की राजन द्वारा स्पष्ट अवहेलना किए जाने पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि राजन के विचार आत्म-केंद्रित थे और राष्ट्र निर्माण के सामूहिक प्रयासों को ठुकराते थे।
एक यूज़र ने रघुराम राजन के बयान का वीडियो जारी करते हुए कहा कि, 'रघुराम राजन कहते हैं कि, मुझे भारत के महाशक्ति होने की परवाह नहीं है, मेरे लिए यह बात नहीं है। यह राष्ट्रपिता क्या चाहते हैं, इसके बारे में है। लेकिन महाशक्ति होने का मतलब है कम गरीबी, स्वस्थ जीवन, लंबा जीवन, एक अरब लोगों के लिए कम पीड़ा, किन्तु निश्चित रूप से राजन को इस सब की परवाह नहीं है, उन्हें केवल इस बात की परवाह है कि क्या वह गांधी परिवार के लिए अगला मनमोहन सिंह बन सकते हैं।'
Last year, Raghuram Rajan said "India would be lucky if we do 5% GDP growth next year"
— Mahesh Vikram Hegde ???????? (@mvmeet) June 1, 2023
But India registered 7.2% growth in 2022-23 FY
Still few think that Raghuram Rajan & Congress uplifted Indian economy! pic.twitter.com/lYBEcsRwM8
GDP पर गलत साबित हुई थी रघुराम राजन की भविष्यवाणी:-
बता दें कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा में रघुराम राजन भी शामिल हुए थे। उस समय राहुल के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक गहन चर्चा करते हुए राजन ने कहा था कि, 'भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल समय है, अगर वित्त वर्ष 2022-23 में भारत 5 फीसदी आर्थिक विकास दर को भी हासिल कर लेता है तो भी वो बहुत भाग्यशाली कहलाएगा।' हालाँकि, जब 2022-23 की चौथी तिमाही के आँकड़े बुधवार (31 मई 2023) को जारी किए गए, तो जनवरी से मार्च तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 6.1 फीसदी दर्ज की गई। वहीं, अगर पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो भारत की GDP ग्रोथ 7.2% रही है, जो राजन की भविष्यवाणी से काफी ऊपर है।
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