बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट में एक सरपंच का इस्तीफा हाल ही में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम पंचायत लामता के सरपंच, हुलासमल कोचर, ने अपने पद से इस्तीफा केवल इस कारण दिया कि उन्हें डॉक्टर ने तनावमुक्त रहने की सलाह दी थी। सरपंच ने अपना इस्तीफा जनपद और जिला पंचायत सीईओ को सौंपा। ग्राम पंचायत लामता, जनपद पंचायत बालाघाट की एक बड़ी पंचायत है, जिसमें 20 वार्ड हैं तथा इसकी जनसंख्या 4,000 से ज्यादा है। इस पंचायत में तहसील कार्यालय, कॉलेज, थाना, एवं अन्य सरकारी कार्यालय स्थित हैं। हुलासमल कोचर ने जैसे ही सरपंच पद से अचानक इस्तीफा दिया, यह खबर चारों ओर फैल गई तथा लोग इसी चर्चा में लगे हुए हैं।
3 अक्टूबर को उन्होंने इस्तीफे से संबंधित पत्र जनपद एवं जिला पंचायत सीईओ को सौंपा। सरपंच बीते 3 महीने से बीमार थे तथा इस वजह से उन्हें मानसिक तनाव भी महसूस हो रहा था। जब उन्होंने डॉक्टर से इस बारे में चर्चा की, तो सलाह मिली कि तनाव कम करने से उनकी सेहत में सुधार होगा। फिर, सरपंच ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, "मैं तनावमुक्त रहना चाहता हूं, इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।" हालांकि, अब इस मामले का फैसला जनपद एवं जिला प्रशासन के हाथ में है। जनपद पंचायत सीईओ ने बताया कि उन्हें सरपंच के इस्तीफे का पत्र मिल गया है। इसे उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा तथा तभी आगे की प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी।
सरपंच हुलासमल कोचर ने कहा, "मैं पिछले तीन महीने से बीमार हूं तथा मुझे हार्ट अटैक भी आ चुका है। चिकित्सक ने सलाह दी है कि मुझे तनावमुक्त रहना चाहिए, तभी मैं ठीक हो पाऊंगा। सरपंची के काम में मानसिक तनाव होता है और गांव की जिम्मेदारियों को निभाना एक मुखिया का कर्तव्य है। लेकिन मेरी बीमारी की वजह से विकास में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि कोई और इस सरपंच पद को संभाले और गांव का विकास करे।" हुलासमल कोचर के इस्तीफे के पश्चात् सरपंच पद के लिए होड़ मच गई है। यदि प्रशासन हुलासमल कोचर का इस्तीफा स्वीकार करता है, तो अगले छह महीने में नए सरपंच के लिए चुनाव होंगे।
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