'सुप्रीम कोर्ट जैसी अनुशासनहीनता कहीं नहीं देखी..', अगले CJI ने क्यों कही ये बात?

'सुप्रीम कोर्ट जैसी अनुशासनहीनता कहीं नहीं देखी..', अगले CJI ने क्यों कही ये बात?
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नई दिल्ली: भारत की सर्वोच्च अदालत पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। कभी आरोप लगते हैं कि सुप्रीम कोर्ट किसी के दबाव में काम कर रही है, तो कभी कहा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा एक लॉबी बनी हुई है, जो अदालत के फैसलों तक को प्रभावित कर देती है । अब देश के अगले प्रधान न्यायाधीश (CJI) ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया है । 

दरअसल, जस्टिस बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट को सबसे अनुशासनहीन जगह बताया है और उच्च न्यायालयों से  इसकी तुलना करते हुए अपनी नाराज़गी जाहिर की है। उल्लेखनीय है कि, इससे पहले गत वर्ष भी उन्होंने अनुशासन के ही मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए थे। बता दें कि मई 2025 से जस्टिस गवई ही देश के अगले मुख्य न्यायाधीश यानी चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे, ऐसे में उनकी नाराज़गी बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। हो सकता है कि CJI बनने के बाद वो अदालती कामकाज और नियमों में कुछ फेरबदल करें ।  

सुप्रीम कोर्ट पर नाराज़गी जताने वाले जस्टिस गवई ने उच्च न्यायालयों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में बहुत शोर होता है, जबकि हाई कोर्ट्स में भी ऐसा नहीं है। जस्टिस गवई ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि, 'मैं बॉम्बे, नागपुर और औरंगाबाद बेंच में जज रहा हूं, मगर मैंने कभी भी सर्वोच्च न्यायालय जैसी अनुशासनहीनता कहीं नहीं देखी। अब सुप्रीम कोर्ट में हम देख रहे हैं कि 6 वकील एक ओर बैठे हैं और 6 वकील दूसरी ओर, और वे सभी एक साथ चिल्ला रहे हैं, क्या ये सुप्रीम कोर्ट है ? हाईकोर्ट में भी ऐसा कभी नहीं होता।'

गौरतलब है कि, गत वर्ष सितंबर में भी जस्टिस गवई ने इसी तरह का बयान दिया था। उस वक़्त उन्होंने बहस में निरंतर अवरोध डाल रहे वकीलों पर नाराजगी व्यक्त की थी। जस्टिस गवई ने कहा था कि, 'हम जैसे लोग, जो उच्च न्यायालयों से आते हैं, उनके लिए यह (सुप्रीम कोर्ट) सबसे अनुशासनहीन कोर्ट है। कोई भी कहीं से भी बोल सकता है, बेहद अनुशासनहीनता है।'

बता दें कि, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई 2025 को पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने गत वर्ष नवंबर में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद यह स्थान ग्रहण किया था। उनके बाद मई 2025 में जस्टिस गवई CJI बनने वाले हैं। खास बात है कि जस्टिस गवई देश के ऐसे दूसरे CJI होंगे, जो अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से आते हैं। सुप्रीम कोर्ट को पहला अनुसूचित CJI जस्टिस केजी बालकृष्ण के रूप में मिला था, वह 11 मई 2010 तक इस पद पर रहे थे।

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