नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने देश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई। गडकरी ने लोकसभा में सड़क दुर्घटनाओं पर हो रही चर्चा के चलते यह स्वीकार किया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है तथा यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है। उन्होंने कहा कि जब मैं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शामिल होता हूं, जहां सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा होती है तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं.
सड़क हादसों की वृद्धि पर बोले नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा, "मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि सड़क दुर्घटनाएं घटने की बजाय बढ़ी हैं। प्रत्येक वर्ष 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत ऐसी दुर्घटनाओं में हो जाती है। इतने लोग न लड़ाई में मरते हैं, न कोविड में मरते हैं और न ही दंगे में मरते हैं।” आगे उन्होंने कहा- जब मैं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जाता हूं, जहां सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा होती है, तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं, क्योंकि यह हमारी बड़ी कमजोरी है।" यह बयान गडकरी की गंभीर चिंता को दर्शाता है कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं है।
समाज को बदलने की जरूरत
उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने पहली बार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, तब उनका लक्ष्य था कि वह सड़क हादसों में 50 प्रतिशत की कमी लाएं। उन्होंने माना कि यह लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं था, किन्तु उन्होंने कहा कि अगर देश को सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाना है, तो लोगों को अपनी आदतों और व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज को बदलने की जरूरत है और लोगों को कानून का सम्मान करना होगा, जिससे सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके।
गडकरी ने साझा किया व्यक्तिगत अनुभव
गडकरी ने एक व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले उनका और उनके परिवार का एक गंभीर सड़क दुर्घटना हुआ था। उस दुर्घटना में वह और उनका परिवार काफी घायल हो गया था तथा उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। हालांकि, भगवान की कृपा से वह और उनका परिवार बच गया, मगर इस अनुभव ने उन्हें सड़क दुर्घटनाओं के विषय पर और अधिक संवेदनशील बना दिया। उनका कहना था, "मेरे पास सड़क दुर्घटनाओं के बारे में व्यक्तिगत अनुभव भी है, जो मुझे और भी जागरूक करता है।"
गडकरी ने अपनी बातों को समाप्त करते हुए यह कहा कि सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। सरकार, सड़क परिवहन विभाग, एवं आम जनता को मिलकर सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तथा इस दिशा में कदम उठाने होंगे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सड़कों की स्थिति में सुधार और यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना भी आवश्यक है।