काबुल: अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान सरकार के कई सख्त फरमानों ने जनता का, खासकर महिलाओं का जीवन मुहाल कर रखा है। अब विश्वलिद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने के तालिबान के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है। छात्राओं पर पानी के बौछार का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पढ़ाई पर रोक लगाने के बाद से ही अफगानिस्तान की महिलाएँ अपने अधिकार के लिए आवाज उठा रही हैं।
#Breaking Afghan girls take onto the streets in western Herat city to protest education ban. Taliban targets them with water cannon. The ongoing Herat is one of the largest protests. Many small groups like this one v come out. @AFIntlBrk #LetHerLearn pic.twitter.com/XEgMy89kfQ
— Harun Najafizada (@HNajafizada) December 24, 2022
रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान के हेरात शहर में विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर वाटर केनन का इस्तेमाल किया गया। इससे सम्बंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में छात्राएँ पानी की बौछार से बचने के लिए एक गली में छिपते हुए नज़र आ रहीं हैं। तालिबान के फैसले का विरोध कर रहीं दर्जनभर छात्राएँ ‘शिक्षा हमारा अधिकार है’ के नारे लगा रही थीं। इसके पहले तालिबान के फैसले के विरुद्ध काबुल में महिलाओं के एक छोटे समूह ने भी प्रदर्शन किया था।
करीब 2 दर्जन लड़कियों ने हिजाब और मास्क पहन कर सड़कों पर मार्च निकाला और तालिबानी सरकार के फैसले का नारे लगाते हुए विरोध किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शन कर रही महिलाओं को अरेस्ट कर लिया गया। जिनमें से 2 को रिहा कर दिया गया, मगर कई प्रदर्शनकारी महिलाएँ अब भी तालिबान की कैद में बताई जा रही हैं। वहीं, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं की एंट्री पर रोक लगाने के फैसले का बचाव किया है।
अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने इस मामले पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालयों में लड़के-लड़कियों के मेल जोल को रोकने के लिए यह पाबन्दी जरूरी थी। अफगानिस्तान के एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुछ ऐसे विषय पढ़ाए जा रहे थे जो इस्लाम के विरुद्ध हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़कियों के विश्वविद्यालयों में प्रवेश पर लगे बैन के लिए कई और कारण बताए गए हैं।
Afghanistan's Taliban-run administration today ordered all local and foreign non-governmental organisations (NGO) to stop female employees from coming to work, according to an economy ministry letter, in the latest crackdown on women's freedoms: Reuters
— ANI (@ANI) December 24, 2022
बताया गया है कि छात्राएँ तालिबानी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहीं थीं। छात्राएँ इस प्रकार सज-धज कर पढ़ने जाती थीं, मानो शादी समारोह में जा रही हैं। संगठन का कहना है कि यूनिवर्सिटी में औरतें और मर्द स्वतंत्र रूप से मिल रहे थे। तालिबान सरकार के फैसले पर पूरे विश्व में हो रही आलोचना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान का व्यक्तिगत मामला है और इसमें दूसरे देशों को दखल नहीं देना चाहिए।
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