'मैं माफी नहीं मांगूंगा', चुनाव आयोग पर आपत्तिजनक बयान के बाद बोले कांग्रेस नेता

'मैं माफी नहीं मांगूंगा', चुनाव आयोग पर आपत्तिजनक बयान के बाद बोले कांग्रेस नेता
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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने चुनाव आयोग एवं चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस, जो MVA का प्रमुख घटक दल है, निरंतर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को लेकर आलोचना कर रही है। इस बीच, कांग्रेस नेता और एमएलसी भाई जगताप के विवादित बयान ने राजनीतिक हलकों में नया बवाल खड़ा कर दिया है। उनके बयान पर शिवसेना (शिंदे गुट), भाजपा एवं अन्य विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है तथा माफी की मांग की है। हालांकि, जगताप ने माफी मांगने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।

भाई जगताप ने अपने बयान पर कहा, "मैं बिल्कुल माफी नहीं मांगूंगा, रत्ती भर भी नहीं। यदि चुनाव आयोग पीएम नरेंद्र मोदी एवं अन्य मंत्रियों के दबाव में काम कर रहा है, तो मैंने जो कहा वह सही है। आयोग को देश के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए, न कि किसी की सेवा करने के लिए। मैंने जो कहा है, उस पर कायम हूं। चुनाव आयोग को टी.एन. शेषन की भांति काम करना चाहिए।" जगताप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा, "भारत का चुनाव आयोग एक संवैधानिक प्राधिकरण है। उसे भाई जगताप के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए तथा जगताप को माफी मांगनी चाहिए।" वहीं, आरएलएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कांग्रेस नेता अपनी हार की बौखलाहट में इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मामले का संज्ञान लेने की अपील की तथा ऐसी भाषा के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को पार्टी कार्य समिति (CWC) की बैठक में महाराष्ट्र एवं हरियाणा विधानसभा चुनावों में हार पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी में अब जवाबदेही तय की जाएगी तथा कठोर निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है। सीडब्ल्यूसी बैठक में यह फैसला लिया गया कि चुनावी प्रक्रिया में हो रही खामियों को राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाया जाएगा। पार्टी इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों को भी साथ लेकर चलेगी। साथ ही, चुनावी प्रदर्शन एवं संगठन से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक आंतरिक समिति गठित करने का फैसला किया गया है।

बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश एवं अन्य वरिष्ठ नेता सम्मिलित हुए। सूत्रों के अनुसार, बैठक में हालिया चुनावी परिणाम, ईवीएम और मत पत्रों के उपयोग पर विस्तृत चर्चा की गई। लगभग साढ़े 4 घंटे चली इस मैराथन बैठक में 81 नेताओं ने हिस्सा लिया। खरगे ने बैठक में कहा कि पार्टी नेताओं को अनुशासन का सख्ती से पालन करना चाहिए तथा पुराने ढर्रे की राजनीति से हर बार सफलता नहीं मिल सकती।

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