पटना: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के एक बयान ने सभी को हैरत में डाल दिया हैं। प्रशांत किशोर ने 12 नवंबर को एक बड़ा बयान दे दिया है। दरअसल, एक सम्मेलन में प्रशांत किशोर ने कहा है कि वे चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं, मगर उन्होंने ये बात भी कह दी है कि वे अपने गृह राज्य बिहार के लिए एक बेहतर विकल्प अवश्य बनाएंगे। वे पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय बेतिया में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने जदयू के नेताओं पर भी खूब भड़ास निकाली है। वे बोलते हैं कि जनता दल यूनाइटेड के नेता उन्हें धंधेबाज कहते हैं, इस बात पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी पार्टी के शीर्ष नेता एवं सीएम नीतीश कुमार से पूछें कि उन्होंने मुझे दो वर्षों के लिए अपने निवास पर क्यों रखा?
वही संवाददाता सम्मेलन में प्रशांत किशोर से कई बार प्रश्न पूछा गया कि क्या वह स्वयं चुनाव लड़ने वाले हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मैं चुनाव क्यों लड़ूंगा? मेरी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। इस सम्मेलन में कई व्यक्तियों की राय ली जाएगी कि क्या 'जन सुराज' अभियान को राजनीतिक दल बनाया जाए या नहीं। प्रशांत किशोर बिहार की 3,500 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा पर आए निकले हैं, उसमें उन्होंने कहा है कि राज्य के सभी जिलों में इसी प्रकार से रायशुमारी ली जाएगी, जिसके आधार पर आगे की योजना बनाई जाएगी।
वही एक जवाब में प्रशांत किशोर ने बताया कि नीतीश कुमार के साथ काम करने का उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार 10 वर्ष पहले जैसे थे और वो अब नहीं हैं, उनमें बहुत अंतर आ गया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर सीएम पद छोड़ दिया था, मगर अब वे सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार रहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि वे एक वर्ष में 10 लाख नौकरियों के वादे का पूरा कर देते हैं तो, मैं अपना अभियान छोड़ दूंगा।
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