नई दिल्ली: पहलवान बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री दिए जाने का उनके साथ धरना प्रदर्शन करने वालीं पहलवान साक्षी मलिक ने भी विरोध किया है। साक्षी ने कहा कि वे बगैर ट्रायल के चांस देने का समर्थन नहीं करती हैं। साक्षी का दावा है कि, उन्हें भी बजरंग और विनेश की तरह डायरेक्ट एंट्री का ऑफर दिया गया था, मगर उन्होंने इससे इनकार कर दिया। बता दें कि, भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के धरना-प्रदर्शन में बजरंग और विनेश की तरह ही साक्षी मलिक भी मुख्य चेहरा थीं।
सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है. मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूँ और न ही इसका समर्थन करती हूँ. सरकार की इस मंशा से विचलित हूँ. हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है.
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) July 20, 2023
अब बिना ट्रायल के एशियाई गेम्स में डायरेक्ट एंट्री देने का ठीकरा साक्षी ने सरकार पर फोड़ा है। उन्होंने कहा है कि इससे पहलवानों की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। साक्षी मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है. मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूँ और न ही इसका समर्थन करती हूँ. सरकार की इस मंशा से विचलित हूँ. हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है.' इसके साथ ही मीडिया से बात करते हुए साक्षी ने कहा कि, 'मैं कुश्ती के भले के लिए ही धरना प्रदर्शन में थी। लेकिंन, मैं इस तरह बगैर ट्रायल नाम भेजने के खिलाफ हूँ, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि किसी का भी हक छीना जाए। कुश्ती में हमारी आपस में लड़ाई कराने जैसी, यह जो नीति बनी है, मैं उसके खिलाफ हूँ।'
साक्षी मलिक ने यह भी कहा कि, 'मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की ओर से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में भेज रहे हैं। आप भी मेल कर दो, आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ इंकार कर दिया। मैं कभी भी बगैर ट्रायल के किसी टूर्नामेंट में न ही गई हूँ और न जाना चाहती हूँ।' बता दें कि एशियन गेम्स के लिए बजरंग और विनेश को सीधा प्रवेश देने का कई पहलवान विरोध कर चुके हैं। यह मामला अदालत में भी जा चुका है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस संबंध में WFI से जवाब माँगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होने वाली है। एशियन गेम्स 23 सितंबर से चीन से हानझोउ में शुरू होंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय में महिला पहलवान अंतिम पंघाल और पहलवान सुजीत कलकल ने याचिका दाखिल की है। इसमें उन्होंने कहा है कि एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत सभी खिलाड़ियों का ट्रायल हो और किसी को सीधी एंट्री न मिले। साथ ही ट्रायल की वीडियोग्राफ़ी करने की भी अपील की गई है, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी रहे।
वहीं, ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान रहे योगेश्वर दत्त ने भी पहलवानों की डायरेक्ट एंट्री का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इससे कुश्ती की बहुत बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि, “पूरा देश भ्रमित है कि ये हो क्या रहा है। चीफ कोच से मैंने बात कि उन्होंने कहा कि उनका इससे कोई वास्ता नहीं है। कमिटी में कुछ लोग हैं, जिन्होंने ये निर्णय लिया है। चीफ कोच की सहमति के बगैर फैसले नहीं लिए जा सकते। कोई कैम्प लगा कर फिटनेस टेस्ट भी नहीं लिया गया। कई पहलवान दुःखी हैं, वो ट्रायल के लिए आग्रह कर रहे हैं। कमिटी ने कोई निष्पक्षता नहीं बरती है। यदि बगैर ट्रायल ही भेजना है तो पूरी टीम भेजिए – ऐसा क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब देना पड़ेगा।'
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