कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हिंसाग्रस्त बांग्लादेश के लोगों को पनाह देने का ऐलान किया है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इसे लेकर ममता पर हमला बोलते हुए कहा कि यह अधिकार भारत सरकार का है। प्रसाद ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह अपने दरवाजे खुले रखेंगी और किसी को भी पश्चिम बंगाल में शरण देंगी। ममता जी, आप वही हैं, जिन्होंने CAA के बारे में कहा था कि हम हिंसा से पीड़ित किसी भी हिंदू, सिख, पारसी या ईसाई शरणार्थी को बंगाल में कदम नहीं रखने देंगे।'
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा सांसद ने कहा कि ममता बनर्जी ने शुरू से CAA का विरोध किया है, जबकि ये कानून पीड़ितों को नागरिकता देता है, और इससे भारत के नागरिकों से कोई संबंध नहीं था। प्रसाद ने कहा कि, 'ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और राहुल गांधी संविधान-संविधान रटते रहते हैं। क्या आपको संविधान में नागरिकता देने का अधिकार है? यह अधिकार भारत सरकार का है। यह शक्ति राज्य सरकार की नहीं है।' बता दें कि ममता ने हिंसाग्रस्त बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि वह पड़ोसी देश से संकट में फंसे लोगों के लिए पश्चिम बंगाल के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें पनाह देंगी।
बंगाल सीएम ने अपनी इस बात के समर्थन में शरणार्थियों पर UN के प्रस्ताव का जिक्र किया था। पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है और इस वजह से वहां मानवीय संकट की आशंका बन रही है। ममता ने कहा था कि, 'मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह एक अलग राष्ट्र है। मगर, मैं आपको यह बता सकती हूं कि यदि असहाय लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उन्हें शरण देंगे।' बता दें कि इस्लामिक देश बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर कई दिन से हिंसा हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों को रज़ाकार कहने वाले पीएम शेख हसीना के बयान के बाद प्रदर्शन हिंसक और उग्र हो गए हैं, जिसमे लगभग 120 लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में CAA का विरोध करने वाली ममता बनर्जी ने खुलकर बांग्लादेशियों को शरण देने का ऐलान कर दिया है। वैसे वे पहले भी कह चुकी हैं कि, वे बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों को बाहर नहीं जाने देंगी, जो अवैध रूप से बंगाल में रह रहे हैं। उनके इस बयान को पूरे विपक्षी गठबंधन का भी समर्थन मिलता है।
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