देहरादून: हरिद्वार धर्म संसद के चलते मुस्लिमों के विरुद्ध दिए नफरती भाषण के मामले में अपराधी जितेंद्र त्यागी ने वीडियो पोस्ट किया है। उनका कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का मैं पालन करता हूं। मैं जुमे से पहले हरिद्वार जेल में आत्मसमर्पण कर दूंगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिन भी व्यक्तियों पर शिकायत दर्ज थी उन सबकी जमानत हो चुकी है। मैं बेकसूर हूं, मुझे उम्मीद है कि मुझे भी न्याय प्राप्त होगा।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को जितेंद्र नारायण त्यागी को 2 सितंबर तक सरेंडर करने के निर्देश दिए थे। त्यागी जो सनातन धर्म अपनाने से पहले वसीम रिजवी के नाम से पहचाने जाते थे, अभी स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने 17 मई को त्यागी को स्वास्थ्य आधार पर तीन महीने की जमानत दी थी। इसके लिए शर्त लगाई गई थी कि वह इस के चलते नफरती भाषण नहीं देंगे तथा इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल मीडिया को कोई बयान नहीं देंगे।
नदीम अली ने 2 जनवरी 2022 को हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया। इसमें भड़काऊ भाषण दिए गए तथा आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया। इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा। पुलिस ने उनकी शिकायत पर आईपीसी की धारा 153, 295 तहत नरसिंघानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण, स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के इल्जाम में शिकायत दर्ज की थी।
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