भारतीय वायुसेना ने विशाखापट्टनम में एलजी पॉलीमर्स संयंत्र के भंडारण टैंक से लीक हुई गैस से लोगों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वायुसेना ने सोमवार को गुजरात से 8.3 टन केमिकल की हवाई मार्ग से ढुलाई की. यह केमिकल एलजी पॉलीमर्स संयंत्र के भंडारण टैंक से लीक हुई गैस की विषाक्तता को कम कर सकता है. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की है. मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि गुजरात के मुंद्रा से आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम तक करीब 1.1 टन बुटाइलकैटकोल केमिकल की ढुलाई करने और 7.2 टन पॉलीमेराइजेशन इन्हीबीटर्स एवं ग्रीन रिटार्डर्स को ले जाने के लिए के लिए भारतीय वायुसेना के दो एएन-32 परिवहन विमानों का इस्तेमाल किया गया.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जब देश पर संकट आता है, तब सेना ही आगे आती है. इस बार कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. वायुसेना ने भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक को दिल्ली से और एक स्टिरीन विशेषज्ञ को मुंबई से विशाखापत्तनम तक पहुंचाया, ताकि वे गैस लीक को नियंत्रण में करने के अभियान की देखरेख कर सकें. इसके साथ ही विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी. विनय चांद ने कहा कि एलजी पॉलीमर्स से करीब 13 हजार टन स्टाइरिन दक्षिण कोरिया के सियोल में कंपनी के मुख्यालय तक जहाज से भेजा जा रहा है. पॉलीमर्स के संयंत्र से गैस रिसाव के कुछ दिन बाद वहां से करीब 13,000 टन तरल स्टिरीन रसायन को कंपनी के दक्षिण कोरिया में सियोल स्थित उसके मुख्यालय वापस भेजा जा रहा है.
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कुछ दिनों पहले यानि 7 मई की सुबह प्लास्टिक निर्माण इकाई से गैस लीक हो गई थी. इसकी वजह से 12 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसके बाद संयंत्र को पूरी तरह बंद कर दिया गया. सोमवार को इलाके में स्थिति नियंत्रण रही. मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा की. साथ ही मंत्रियों से प्रभावित प्रत्येक गांव में रात बिताने के लिए कहा, ताकि लोगों के बीच विश्वास बहाली की जा सके.
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