नई दिल्ली: भारत का सुदर्शन एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने अपनी तकनीकी दक्षता का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हाल ही में एक अभ्यास सत्र के चलते , सुदर्शन ने दुश्मन के 80 प्रतिशत हमलावर लड़ाकू विमानों एवं मिसाइलों को नष्ट कर दिया और 20 प्रतिशत विमानों को हमले को रोकने और पीछे हटने पर विवश कर दिया। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह अभ्यास भारतीय वायुसेना द्वारा एक विशेष थिएटर में किया गया था, जहां एक स्क्वाड्रन एस-400 मिसाइल सिस्टम को तैनात किया गया था। इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय वायुसेना द्वारा मिसाइल प्रणाली के पूर्ण एकीकरण को प्रदर्शित करना था। एस-400 मिसाइल सिस्टम एक उन्नत मल्टीफंक्शन रडार के साथ आता है, जो लक्ष्यों की पहचान कर उन्हें नष्ट करने में सक्षम है। इसमें एंटी-एयर मिसाइल लॉन्चर और कमांड एवं कंट्रोल मिसाइल सम्मिलित हैं, जो स्तरित रक्षा के लिए मिसाइलों को फायर कर सकते हैं।
भारतीय वायुसेना ने इस प्रणाली को पौराणिक संदर्भ में ‘सुदर्शन’ नाम दिया है, जो भगवान कृष्ण के प्रमुख हथियार के तौर पर जाना जाता है। सुदर्शन एक बार लॉन्च करने पर किसी भी लक्ष्य को पूर्ण रूप से नष्ट कर देता है। भारतीय वायुसेना ने अब इस प्रणाली को पूर्ण रूप से एकीकृत कर लिया है, जिसमें तीन स्क्वाड्रन पहले से सम्मिलित हैं तथा 2026 तक दो और की आपूर्ति होने की उम्मीद है। हालांकि, इस सौदे की आपूर्ति इस साल पूरी होनी थी, मगर अब इसकी डिलीवरी अगस्त 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।
भारत ने 2018-19 में रूस के साथ एस-400 के पांच स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का समझौता किया था। वर्तमान में, भारत को तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं एवं दो और आने की उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एस-400 सिस्टम की डिलीवरी में कुछ देरी हुई है, मगर दोनों देशों के बीच समझौते के अनुसार, 2026 तक सभी पांच सिस्टम्स की आपूर्ति कर दी जाएगी। इस बीच, भारतीय रक्षा अधिग्रहण परिषद ने हाल ही में प्रोजेक्ट कुशा के तहत भारतीय लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम की खरीद को अनुमति दी है। इसके अतिरिक्त, स्वदेशी एमआर-एसएएम एवं आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ-साथ इजरायली स्पाइडर क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम भी भारतीय सेना को प्राप्त हुए हैं।
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