चिनूक जैसे ताकतवर हेलीकॉप्टरों सियाचिन इलाके में तैनात किया जा रहा है. भारतीय वायु सेना ने सुरक्षा के लिहाज से ये कदम उठाया है. भारतीय वायु सेना के अमेरिकी मूल के चिनूक हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख क्षेत्र में सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र सहित ऊंचाई वाली जगहों में परिचालन शुरू कर दिया है. चिनूक हेलिकॉप्टर सैन्य उपकरणों को ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।चिनूक हेलिकॉप्टर पिछले साल मार्च में वायुसेना में शामिल किए गए थे.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सीएच-47 चिनूक एक एडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय वायुसेना को बेजोड़ सामरिक महत्व की हेवी लिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा. यह मानवीय सहायता और लड़ाकू भूमिका में काम आएगा. उंचाई वाले इलाकों में भारी वजन के सैनिक साज सामान के परिवहन में इस हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका होगी. भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब तक रूसी मूल के भारी वजन उठाने वाले हेलीकॉप्टर ही रहे हैं.
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सेना के लिहाज से चिनूक बहुउद्देशीय,वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलीकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जाता है. इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है. राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.चिनूक में पूरी तरह एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है. इसके अलावा इसमें कामन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कॉकपिट प्रबंध विशेषताएं हैं.
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