लखनउ: यूपी की अखिलेश यादव सरकार पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। बताया गया है कि जो अधिकारी सरकार को मोटी रकम देता है उसे ही अच्छे और चाहे गये पदों पर सरकार की ओर से नियुक्ति दे दी जाती है। यह आरोप राष्ट्रीय एकीकरण परिषद के सचिव और आला अधिकारी अशोक कुमार ने लगाया है। हालांकि बाद में उन्हें सरकार ने निलंबित कर दिया।
अशोक कुमार ने बताया कि सरकार में बगैर लिये दिये नियुक्ति नहीं होती है। दरअसल अशोक कुमार ने यह खुलासा मीडिया से चर्चा करते हुये किया है। बताया गया है कि वे बस्सी में सरकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी लेने आये थे और इसी दौरान उन्होंने सरकार की पोल खोल कर रख दी। लेकिन अशोक कुमार को इसका खामियाजा निलंबन के रूप में मिला है। उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास सत्तर लाख रूपये सरकार को देने के लिये है तो उसे आराम से डीएम पद पर पदोन्नति दे दी जाती है।
मेरे पास नहीं है देने के लिये
बताया गया है कि पत्रकारों ने अशोक कुमार को शिकायत की थी कि डीपीआरओ द्वारा मोटी रकम लेकर ही ग्रामीण विकास अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। इस शिकायत के बाद अशोक कुमार ने सरकार पर आरोप लगाये। उनका कहना था कि मेरे पास रूपये देने के लिये नहीं है, यदि मैं भी सत्तर लाख सरकार को दे दूं तो तुरंत ही डीएम बना दिया जाउंगा। बताया जाता है कि ग्रामीण विकास अधिकारियों के लिये 70 हजार की रिश्वत लेने का मामला पत्रकारों ने अशोक कुमार के सामने उठाया था। जानकारी के अनुसार मीडिया में अशोक कुमार का बयान आते ही सरकार ने उनके अलावा डीपीआरओ पर भी निलंबन की गाज गिरा दी है।