छत्तीसगढ के बिलासपुर में एक हाई प्रोफाइल मामला सामने आया है. जिसमें आइएएस और जांजगीर-चांपा के पूर्व कलेक्टर जनक पाठक पर महिला ने एनजीओ का काम दिलाने का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है. पीड़ित महिला ने बतौर साक्ष्य वाइस रिकार्डिंग के साथ ही तस्वीरें भी प्रस्तुत की हैं. महिला की शिकायत मिलते ही प्रदेश के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महिला का आरोप है कि वह तत्कालीन कलेक्टर जनक पाठक के पास समस्या लेकर गई थी. तब से उसकी पहचान हुई और बातचीत होने लगी. इस बीच कलेक्टर पाठक ने महिला को एनजीओ का काम दिलाने का झांसा दिया. वही, महिला का आरोप है कि 15 मई को कलेक्टर ने कलेक्टेरेट में ही अपने चैंबर के रेस्ट रूम में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया. महिला का यह भी आरोप है कि इसके बाद से उसके साथ कई बार कलेक्टर ने शारीरिक संबंध बनाया. हर बार झांसा देते रहे कि जल्द ही उसे एनजीओ को काम मिल जाएगा, लेकिन डेढ़ माह बाद भी महिला को काम नहीं मिला. कलेक्टर की इस हरकत के बाद महिला ने मामले की शिकायत आला अधिकारियों के माध्यम से राज्य शासन तक पहुंच गई. महिला ने साक्ष्य के तौर पर मैसेज, बातचीत की रिकार्डिंग और अश्लील तस्वीर भी प्रस्तुत की है. इसके बाद शासन हरकत में आ गया है.
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इसके अलावा मामले की शिकायत के बाद जांजगीर-चांपा कलेक्टर यशवंत कुमार ने इस मामले की जांच के लिए एसपी पास्र्ल माथुर को निर्देशित किया है. एसपी माथुर, एडिशनल एसपी मधुलिका सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी है. महिला का बयान लेकर साक्ष्य का परीक्षण किया गया. इसके साथ ही पुलिस ने मामले में आइएएस जनक पाठक के खिलाफ धारा 376, 509 ख और 506 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है. इन आरोपों पर आइएएस जनक पाठक पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन, उन्होंने पहले फोन रिसीव नहीं किया. फिर उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बताने लगा.
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