शिलांग: आज हम आपको एक ऐसे अफसर के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने अपनी दो महीने का वेतन गरीब बच्चों के नाम कर दिया। हम बात कर रहे हैं IAS स्वप्निल टेंबे की। टेंबे 2015 बैच के IAS अफसर हैं और अभी मेघालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वे दादेंगरे सिविल सब डिविजन में बतौर SDO पोस्टेड हैं। IAS की ट्रेनिंग के तहत स्वप्निल को मानव संसाधन विकास मंत्रालय में बतौर असिस्टेंट सेक्रेटरी काम करने का अवसर मिला।
केंद्रीय सचिवालय में काम करने के दौरान उन्हें शिक्षा व्यवस्था को बेहद करीब से समझने का मौका मिला और उन्होंने इस क्षेत्र पर अपना फोकस करने का फैसला किया। उनकी तैनाती जहां हुई है वह मेघालय की गारो पहाड़ियों के बीच बसा यह इलाका शिक्षा के मामले में बेहद पिछड़ा है। जब उन्हें यहां SDO की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने पाया कि इलाके में बेहद कम सरकारी स्कूल हैं। स्वप्निल ने स्कूलों की दशा और दिशा सुधारने का जिम्मा उठा लिया।
वे प्रतिदिन सुबह अपने ऑफिस जाने से पहले स्कूलों का चक्कर काटने लगे। उन्होंने देखा कि एक तो स्कूलों की तादाद काफी कम है और ऊपर से उनकी स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है। वे बताते हैं कि, 'लोअर प्राइमरी स्कूलों में मुश्किल से 2-3 कमरे होते हैं और इतने ही शिक्षकों द्वारा 30-40 बच्चों को पढ़ाया जाता है।' स्वप्निल बताते हैं कि मेघालय के इस क्षेत्र में तो शिक्षा की स्थिति फिर भी बेहतर है, वहीं उत्तर पूर्व के पहाड़ी इलाकों में जहां आबादी का घनत्व काफी कम है वहां शिक्षा व्यवस्था की स्थिति और भी बदतर है।
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