मुंबईः आईसीसी एक नया प्रस्ताव लेकर आई है जिसमे टी-20 विश्व कप (T-20 World Cup) हर साल और 50 ओवरों का विश्व कप तीन साल में एक बार कराने की बात कही गई है। आईसीसी इसके बदौलत 2023-2028 की अवधि के लिए वैश्विक मीडिया अधिकार बाजार में एंट्री करना चाहती है । ताकि उसे स्टार स्पोर्ट्स जैसे संभावित प्रसारकों से राजस्व का मोटा हिस्सा मिल सके। बीसीसीआई के सामने यह बड़ी चुनौती होगी। आईसीसी का प्रस्तावित भावी दौरों के कार्यक्रम (एफटीपी) का बीसीसीआई के राजस्व पर विपरीत असर डाल सकता है।
एफटीपी वह कैलेंडर है, जो आईसीसी और सदस्य देश अलग-अलग पांच साल की अवधि के लिए बनाते हैं। इसके तहत द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेले जाते हैं। 2023 के बाद की अवधि के लिए प्रस्तावित मसौदे पर हाल ही में आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की बैठक में बात की गई। बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी ने साफतौर पर आईसीसी सीईओ मनु साहनी को ईमेल में कहा कि यह फैसला कई कारणों से सही नहीं होगा। बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि चुनाव होने के बाद बोर्ड अब इस मामले में सख्त कदम उठाएगा।
स्टार स्पोर्ट्स या सोनी टीवी, रेडियो, डिजिटल प्रसारण अधिकार का सौ करोड़ रुपये का बजट है। इसमें दो अहम पक्ष आईसीसी और बीसीसीआई हैं। बीसीसीआई के पास आईपीएल और द्विपक्षीय सीरीज (पाकिस्तान के अलावा) हैं। हर साल टी-20 विश्व कप कराना रोमांचक है और यदि आईसीसी बाजार में पहले पहुंचता है तो राजस्व का बड़ा हिस्सा उसके खाते में जाएगा।अधिकारी ने कहा कि प्रसारक यदि 2023-2028 की अवधि के लिए आईसीसी अधिकार खरीदने पर 60 करोड़ रुपये खर्च करता है तो बीसीसीआई के बाजार में उतरने पर उसके पास 40 करोड़ रपपये ही बचे रहेंगे।
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