नई दिल्ली: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2024 का आयोजन पाकिस्तान में होना तय था, लेकिन अब इसकी मेजबानी पाकिस्तान से छिनने की संभावना बन रही है। अगर पाकिस्तान हाइब्रिड मॉडल पर सहमति नहीं देता, तो यह टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका में आयोजित किया जा सकता है। पाकिस्तान चाहता है कि भारतीय टीम उसकी सरजमीं पर खेले, लेकिन बीसीसीआई ने इस पर साफ मना कर दिया है, जबकि पाकिस्तान भी हाइब्रिड मॉडल पर राजी नहीं है। इस गतिरोध के चलते आईसीसी अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है, जिसमें साउथ अफ्रीका मुख्य विकल्प बनकर उभरा है।
साउथ अफ्रीका में पिछली बार 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी हुई थी, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता था। उस टूर्नामेंट में सेमीफाइनल में पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की टीमें पहुंची थीं, और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया था। उस समय भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी, जिसमें पहला मैच पाकिस्तान से हार गई थी और एक मैच बेनतीजा रहा था। साउथ अफ्रीका की पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों को अक्सर कठिनाई होती है। 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए थे, जहां कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ 3 रन बना पाए थे और सचिन तेंदुलकर ने दो मैचों में केवल 8 रन बनाए थे। उस टूर्नामेंट में विराट कोहली, राहुल द्रविड़, और गौतम गंभीर ही अर्धशतक तक पहुंच सके थे। यदि इस बार भी चैंपियंस ट्रॉफी साउथ अफ्रीका में होती है, तो भारतीय बल्लेबाजों को पिचों की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
अब देखना यह है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की अगली रणनीति क्या होगी। आईसीसी के इस प्लान के बाद, संभावना है कि पीसीबी हाइब्रिड मॉडल पर सहमत हो सकता है, क्योंकि अगर पूरी चैंपियंस ट्रॉफी साउथ अफ्रीका में शिफ्ट होती है, तो इससे पीसीबी को आर्थिक नुकसान हो सकता है।
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