कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम के हालिया बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हाकिम ने कहा कि “अगर अल्लाह ने चाहा तो मुसलमान बहुमत में होंगे।” इस बयान को लेकर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सवाल उठ रहे हैं कि ममता बनर्जी के मंत्री का यह बयान भारत में धर्मनिरपेक्षता के भविष्य के लिए क्या संकेत देता है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक कार्यक्रम में हाकिम ने कहा, “हम संख्या के आधार पर अल्पसंख्यक हो सकते हैं, लेकिन अल्लाह की कृपा से हम इतने सशक्त होंगे कि हमें न्याय के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। हमारी आवाजें खुद-ब-खुद सुनी जाएंगी।” उन्होंने न्यायपालिका में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व पर चिंता जताई और मुस्लिम समुदाय से अधिक जज बनाए जाने की अपील की।
किसी अन्य राजनितिक दल ने तो इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन भाजपा ने हाकिम के इस बयान को देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के खिलाफ बताया है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “हाकिम एक ऐसे भविष्य की बात कर रहे हैं, जहां मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे और न्याय अपने हाथ में लेने की स्थिति में होंगे। उनका यह बयान शरिया कानून और इस्लामी शासन की ओर इशारा करता है।”
PFI का एजेंडा और हाकिम का बयान:-
हाकिम का बयान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के एजेंडे से मेल खाता हुआ प्रतीत होता है। आतंकी गतिविधियों के कारण कट्टरपंथी संगठन PFI पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है, ये संगठन चार चरणों की प्लानिंग के साथ भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहा है। मुस्लिम वोटों पर पकड़ होने के कारण, PFI के पास राजनितिक और आर्थिक ताकत भी है। हाकिम भी मुस्लिम समुदाय को ही संबोधित कर रहे थे, ऐसे में उनके बयान से सवाल उठता है कि क्या वह इसी एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं?
भारत ने अपने पड़ोसी देशों को अच्छे से देखा है, जहाँ मुस्लिम आबादी में कट्टरपंथ बढ़ते ही, संविधान, धर्मनिरपेक्षता और अन्य समुदाय के मानवाधिकार खत्म खत्म हो गए। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुए, और वे या तो पलायन को मजबूर हुए या हाशिये पर चले गए। क्या फिरहाद हाकिम भारत में भी ऐसा ही चाहते हैं? ऐसे में फिरहाद हाकिम से ये भी पुछा जाना चाहिए कि जब मुसलमान बहुमत में होंगे, तब देश संविधान से चलेगा या शरिया से ?
भाजपा नेता अमित मालवीय ने हाकिम पर अवैध घुसपैठियों को समर्थन देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोलकाता के कुछ इलाकों में रोहिंग्या मुसलमानों सहित अवैध घुसपैठियों की भारी तादाद है। हाकिम के बयान से लगता है कि उनकी आमद को और बढ़ावा मिल सकता है, जिससे जनसांख्यिकीय संतुलन बिगड़ सकता है।
इस बीच ममता सरकार के एक और मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने हैरतअंगेज़ दावा कर TMC को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। चौधरी ने कहा है कि “पूरा दक्षिण कोलकाता वक्फ की संपत्ति है।” यह बयान भी विवाद को हवा दे रहा है और बंगालियों के बीच अपनी जमीन और अधिकारों को लेकर असुरक्षा पैदा कर रहा है। ये TMC और ममता बनर्जी के लिए ही एक सवाल है, जब पूरे दक्षिण कोलकाता को वक्फ प्रॉपर्टी होने का दावा किया जा रहा है, तो ममता बनर्जी किसका साथ देंगी ? उस इलाके में सालों से रह रहे बंगालियों का, या फिर मुस्लिम वोट बैंक के चलते वक्फ और अपने मंत्री का ?