नई दिल्ली: आज शुक्रवार (3 नवंबर) को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ऐलान करते हुए कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि लोकसभा आचार समिति ने कैश-फॉर-क्वेरी घोटाले के आरोपों में पूछताछ के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से "व्यक्तिगत सवाल" पूछे तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए, सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मोइत्रा से व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के दावे के बारे में पूछा गया था कि उन्होंने TMC सांसद की हवाई यात्रा और भारत और विदेश में होटल और कारों के लिए पैसे दिए थे।
अनुसूचित जाति के सांसद विनोद सोनकर जी की छवि को @bspindia सांसद दानिश अली ने ठेस पहुँचाई है ।दर्शन हीरानंदानी ने अपने हलफ़नामे में महुआ (भ्रष्टाचारी सांसद) के देश-विदेश के हवाई जहाज़,होटल व गाड़ी के खर्च (पैसे) देने की बात कही है ।Ethics कमिटि के अध्यक्ष सोनकर जी ने महुआ से टिकट…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 3, 2023
दुबे ने कहा कि अगर उनके किसी बॉयफ्रेंड के बारे में इसके अलावा कुछ भी "व्यक्तिगत" पूछा गया और साबित कर दिया गया, तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने बसपा MLA दानिश अली पर आचार समिति के अध्यक्ष सांसद विनोद सोनकर की छवि खराब करने का भी इल्जाम लगाया। भाजपा नेता ने कांग्रेस और जदयू सांसदों को गुरुवार को हुई आचार समिति की बैठक में हुई चर्चा की प्रति दिखाने की चुनौती दी। निशिकांत दुबे ने कहा कि, 'अनुसूचित जाति (SC) के सांसद विनोद सोनकर जी की छवि को बसपा सांसद सांसद दानिश अली ने ठेस पहुंचाई है। दर्शन हीरानंदानी ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने महुआ (भ्रष्ट सांसद) की देश और विदेश में हवाई यात्रा, होटल और कार का खर्च (पैसा) देने का वादा किया था। आचार समिति अध्यक्ष सोनकर जी ने महुआ से टिकट और होटल का बिल मांगा। अगर इसके अलावा उन्होंने महुआ जी के पुरुष मित्र या किसी पुरुष मित्र के साथ होटल में रुकने के बारे में कोई सवाल पूछा तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।'
दुबे ने आगे लिखा कि, ''आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि संसद की तरह ही संसदीय समिति में भी बहस शब्दशः लिखी जाती है. अगर कांग्रेस और JDU के सांसदों में हिम्मत है तो डिबेट की कॉपी दिखाएं। दानिश अली, महिला के विक्टिम कार्ड के मामले में इतने मतलबी मत बनो।'' बता दें कि, TMC सांसद महुआ मोइत्रा के बैठक से बाहर निकलने के बाद गुरुवार को आचार समिति की पूछताछ अचानक समाप्त हो गई। बैठक छोड़ते वक़्त मोइत्रा ने पैनल पर गंदे सवाल पूछने का आरोप लगाया था। हालाँकि, समिति ने पलटवार करते हुए कहा कि महुआ ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए बैठक छोड़कर बाहर चली गईं।
जैसे ही महुआ मोइत्रा संसद से बाहर निकलीं, कुछ पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि उनसे क्या गंदे और निजी सवाल पूछे गए। बसपा सांसद दानिश अली, जद (यू) सांसद गिरिधारी यादव और कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी सहित अन्य विपक्षी सांसद, जो महुआ मोइत्रा के साथ बैठक से बाहर चले गए थे, उन सभी ने एक सुर में आरोप लगाया कि समिति ने 'व्यक्तिगत' और 'अनैतिक' प्रश्न पूछे और बैठक का विवरण मीडिया में लीक हो गया, जब यह चल रहा था।
दूसरी ओर, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि, “महुआ मोइत्रा ने समिति और जांच में सहयोग नहीं किया। विपक्षी सदस्यों ने भी गुस्से में आरोप लगाए और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए अचानक बैठक से बाहर चले गए।'' गौरतलब है कि आचार समिति से पूछताछ तब हुई है, जब दुबे ने पिछले महीने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा था, जिसका शीर्षक था, "संसद में 'क्वेरी के बदले नकद' का गंदा मामला फिर से उभरना", जिसमें उन्होंने अपने आरोपों की जांच की मांग की थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि वकील जय अनंत देहाद्राई ने उन्हें कथित रिश्वत के सबूत उपलब्ध कराए थे।