मुंबई: इस्लामी संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी ने रविवार (21 मई) को हिंदूवादी संगठन बजरंग दल पर बैन लगाने के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. मदनी ने मुंबई में कहा कि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र (कर्नाटक) में फिरका-परस्त की जमात बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की बात कही थी. यदि उन्होंने यह फैसला 70 वर्ष पहले लिया होता तो मुल्क बर्बाद न होता.
सैयद अरशद मदनी ने आगे कहा कि 'उन्होंने ऐसा कहा तो इस पर शोर मच रहा था कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा कर गलती की है. लेकिन, मैं समझ गया था कि ये गलती नहीं, बल्कि अपनी गलती में सुधार किया जा रहा है. यदि 70 साल पहले बजरंग दल को बैन कर देते, तो आज देश बर्बाद नहीं होता। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, मौलाना मदनी, जिस बजरंग दल को 70 साल पहले बैन करने की बात कह रहे हैं, उसकी स्थापना ही 1 अक्टूबर 1984 में उत्तर प्रदेश में हुई और 2010 में इसका देशभर में प्रसार शुरू हुआ।
बता दें कि कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने मैनिफेस्टो में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही थी. हालाँकि, ये अलग बात है कि, इसी PFI के सियासी विंग SDPI के समर्थन में कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने कहा था कि बजरंग दल और PFI जैसे संगठनों के खिलाफ राज्य में जाति एवं धर्म के आधार पर घृणा फैलाने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस के इस ऐलान पर जमकर बवाल भी मचा था.